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Brij Bhushan Singh harassment case: दिल्ली की एक कोर्ट ने बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह पर पांच महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप तय कर दिए। साथ ही बृजभूषण सिंह पर एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोपी माना है।

Brij Bhushan Singh harassment case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह पर पांच महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप तय कर दिए। साथ ही कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आराेपी माना है। अदालत ने कहा कि सबूतों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष पर यह आरोप तय किए गए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने WFI के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेट्री विनोद तोमर के खिलाफ भी आरोप तय कर दिया।

बृजभूषण सिंह बोले- ऑपश्न खुले हैं, प्रकरण को फेस किया जाएगा
बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि प्रथम दृष्ट्या आज कोर्ट ने आज चार्ज फ्रेम किया है।चार्जशीट पहले ही दायर की गई थी, मैंने उसका विरोध किया था, जिसे कोर्ट ने नहीं माना।  एक केस को छोड़कर कोर्ट ने बाकी मामलों में आरोप तय किए हैं। मैं न्यायपालिका के फैसले का स्वागत करता हूं। अब मेरे लिए रास्ते खुल गए क्योंकि जब चार्ज पर आप अपनी बात रखते हैं तो कोई सबूत, कोई गवाह आप अलग से नहीं रख सकते हैं। जो पुलिस ने चार्ज में लगाया है उसकी इर्द गीर्द रहना पड़ता है। ऑपश्न खुले हैं, इस प्रकरण को फेस किया जाएगा।

इन धाराओं के तहत तय हुए आरोप
कोर्ट के बयान के मुताबिक, ''बृज भूषण के खिलाफ प्रत्येक पीड़िता की ओर से लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए इंडियन पीनल कोड की धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय किए गए हैं। वहीं, विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत आरोप तय किए गए हैं। अब बृजभूषण सिंह को एक साथ पांच महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर यौन उत्पीड़न और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के कई मामलों का सामना करना पड़ेगा।

छठे पहलवान के आरोपों से मिली राहत
हालांकि, कोर्ट  ने बृज भूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट को छठे महिल पहलवान की ओर से लगाए गए आरोपों में पर्याप्त सबूत नहीं मिले। अब इस मामले में सुनवाई शुरू होगी। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ अपना मामला पेश करेगा, और बचाव पक्ष को जवाब देने और अपनी दलीलें पेश करने का अवसर मिलेगा।

कोर्ट ने खारिज कर दी थी बृजभूषण की याचिका
7 मई को  दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट नेअतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने इस मामले में आरोप तय करने के लिए 10 मई की तारीख तय की थी। 26 अप्रैल को कोर्ट ने बृजभूषण की ओर से मामले में आगे की जांच करने का अनुरोध करते हुए दायर की गई याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में बृजभूषण ने कहा था कि मेरे ऊपर 7 सितंबर 2022 को कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन उस समय मैं भारत में नहीं बल्कि सर्बिया में था। 

दिल्ली पुलिस ने दायर की थी चार्जशीट
दिल्ली ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ बीते साल 15 जून को 1599 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें कहा गया था कि आरोपियों ने जांच में सहयोग देकर सीआरपीसी की धारा 41ए के निर्देशों का पालन किया है। इसलिए आरोपियों को गिरफ्तार किए बिना ही यह चार्जशीट दायर की जा रही है। चार्जशीट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इंडियन पीनल कोड(IPC) की धारा 354 (D), 354 और 354 (D) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी।

बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने किया था प्रदर्शन
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों के बावजूद उनकी गिरफ्तारी को लेकर देश के कई पदक विजेता पहलवानों ने प्रदर्शन किया था। पहली बार जनवरी 2023 में पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत 30 से ज्यादा पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। खेल मंत्रालय की ओर से मामले की पूरी जांच करवाने का भरोसा दिलाए जाने के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया था। इसके बाद दोबारा 2024 में भी पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

 

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