Chandigarh Blast Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को चंडीगढ़ ग्रेनेड ब्लास्ट मामले में बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल 16 स्थानों पर छापेमारी की। सितंबर 2024 में हुए इस ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था। इस घटना में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा और अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह का नाम सामने आया है। NIA की इस कार्रवाई का मकसद न केवल इस घटना से जुड़े सबूत जुटाना है, बल्कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों को भी ट्रैक करना है।
पंजाब में 14 जगहों पर छापेमारी
NIA ने अपनी छापेमारी में पंजाब के 14 स्थानों को कवर किया। इनमें अमृतसर और इसके आसपास के इलाके शामिल थे। जांच के दौरान पुलिस ने पहले ही रोंहन मसीह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद पता चला कि हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने विस्फोटकों और वित्तीय मदद का प्रबंध किया था। NIA की टीम ने इन स्थानों से संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य साक्ष्य जब्त किए हैं। इस मामले में पंजाब पुलिस ने भी NIA को अहम जानकारी दी है, जो जांच के अगले चरण को मजबूत बनाएगी।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सर्च ऑपरेशन
पंजाब के अलावा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक-एक स्थान पर छापेमारी की गई। इन राज्यों में जांच का मकसद उन संदिग्धों का पता लगाना था, जो ब्लास्ट के बाद इन इलाकों में छिपे हो सकते थे। छापेमारी के दौरान NIA ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, संदिग्ध दस्तावेज और अन्य सामग्रियां जब्त कीं। अधिकारियों ने बताया कि इन सबूतों से मामले की गहराई तक जाने में मदद मिलेगी। स्थानीय प्रशासन ने भी इस ऑपरेशन में एजेंसी को पूरा सहयोग दिया।
ISI और BKI का कनेक्शन हुआ उजागर
चंडीगढ़ ब्लास्ट की जांच में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के कनेक्शन का खुलासा हुआ है। ISI समर्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा ने इस घटना को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों की आपूर्ति की। अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने पंजाब में अपने स्थानीय नेटवर्क के जरिए न केवल हथियार, बल्कि आर्थिक मदद भी पहुंचाई। NIA का मानना है कि यह नेटवर्क लंबे समय से देश के खिलाफ साजिश रचने में लगा है। इस खुलासे ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
वारदात के बाद दूसरे राज्य भाग गए थे अपराधी
सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक घर पर ग्रेनेड फेंका गया था। यह घर हिमाचल प्रदेश के एक सेवानिवृत्त प्राचार्य केके मल्होत्रा का है। पुलिस की जांच में पाया गया कि घटना को अंजाम देने वाले दो संदिग्ध ऑटो-रिक्शा में आए थे। घटना के बाद वे अलग-अलग राज्यों में भाग गए थे। NIA और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से इन संदिग्धों को ट्रैक करने में सफलता मिली। इन संदिग्धों ने जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में शरण ली थी, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया।