Electoral Bond Scheme BJP Vs Congress: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बांड (Electoral Bond) को असंवैधानिक करार दिया है। साथ ही इसके जरिए चंदा लेने पर तत्काल रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने यह फैसला लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले दिया है। अदालत ने कहा कि बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है। यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया। अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने से रोकने को कहा है।
Supreme Court holds Electoral Bonds scheme is violative of Article 19(1)(a) and unconstitutional. Supreme Court strikes down Electoral Bonds scheme. Supreme Court says Electoral Bonds scheme has to be struck down as unconstitutional. https://t.co/T0X0RhXR1N pic.twitter.com/aMLKMM6p4M
— ANI (@ANI) February 15, 2024
जानिए फैसले की 5 अहम बातें
- एसबीआई राजनीतिक दलों का ब्योरा दे। जिन्होंने 2019 से अब तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा हासिल किया है।
- एसबीआई राजनीतिक दलों की तरफ से कैश किए गए हर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी दी। कैश करने की तारीख भी बताए।
- एसबीआई सारी जानकारी 6 मार्च 2024 तक चुनाव आयोग को दे और चुनाव आयोग 13 मार्च तक अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक करे।
- राजनीतिक चंदे की गोपनीयता के पीछे ब्लैक मनी पर नकेल कसने का तर्क ठीक नहीं है। यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।
- कंपनी एक्ट में संशोधन मनमाना और असंवैधानिक कदम है। इसके जरिए कंपनियों की ओर से राजनीतिक दलों को असीमित फंडिंग का रास्ता खुला।
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड?
केंद्र सरकार ने 2 जनवरी, 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम नोटिफाई किया था। इसे पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान के विकल्प के रूप में जारी किया गया था। इसके तहत कोई भी शख्स अकेले या किसी के साथ मिलकर बॉन्ड खरीद सकता है।
जानिए किस पार्टी को कितना मिला चंदा
भारतीय जनता पार्टी
चुनाव आयोग को सौंपी गई वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनावी बांड के माध्यम से लगभग 1,300 करोड़ रुपए मिले। पीटीआई ने ऑडिट डेटा के हवाले से बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल योगदान 2120 करोड़ रुपए था, जिसमें से 61 प्रतिशत चुनावी बांड से आया था। वित्त वर्ष 2021-22 में भाजपा का कुल योगदान 1,775 करोड़ था। 2022-23 में भाजपा की कुल आय ₹2360.8 करोड़ रही, जो वित्त वर्ष 2021-22 में ₹1917 करोड़ थी।
सत्तारूढ़ दल ने पिछले वित्तीय वर्ष में ब्याज से ₹237 करोड़ कमाए, जो 2021-22 में अर्जित ₹135 करोड़ से अधिक है। पोल पैनल को सौंपे गए आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी ने विमान और हेलीकॉप्टर के उपयोग के लिए ₹78.2 करोड़ खर्च किए, जो 2021-22 में ₹117.4 करोड़ से कम है। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता के रूप में ₹76.5 करोड़ का भुगतान किया, जो 2021-22 में ₹146.4 करोड़ से कम है। पार्टी ने इस सहायता को कुल भुगतान मद में दर्शाया है।
कांग्रेस
कांग्रेस ने चुनावी बांड से ₹171 करोड़ कमाए, जो 2021-22 में प्राप्त ₹236 करोड़ से कम है।
समाजवादी पार्टी
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने 2021-22 में चुनावी बांड के माध्यम से 3.2 करोड़ रुपए कमाए। 2022-23 में, मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी को इन बांडों से कोई योगदान नहीं मिला।
तेलुगु देशम पार्टी
टीडीपी ने 2022-23 में चुनावी बांड के माध्यम से ₹34 करोड़ कमाए, जो पिछले वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि से 10 गुना अधिक है।