Fake Advocates in Delhi:बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने दिल्ली राज्य के 107 फर्जी वकीलों को वकील पंजी (Roll of Advocates) से हटा दिया है। यह कार्रवाई BCI के नियम 32 के अंतर्गत की गई, जो वकीलों के प्रमाणपत्र और प्रैक्टिस करने के जगह की जांच के लिए बनाया गया है। 2019 से लेकर 23 जून 2023 तक BCI ने हजारों फर्जी वकीलों की जांच की है और इस दौरान कई नाम हटा दिए गए हैं। 

फर्जी प्रमाणपत्र की वजह से गिरी गाज
जांच में यह सामने आया कि इन फर्जी वकीलों में से ज्यादातर ने जाली सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था, या फिर नामांकन के दौरान गलत जानकारी दी थी। साथ ही, कई वकील एक्टिव ढंग से प्रैक्टिस नहीं कर रहे था या उन्होंने BCI की वेरिफिकेशन प्रोसेस का पालन नहीं किया था। इसके चलते BCI ने यह सख्त कदम उठाया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने साफ किया कि यह कदम वकालत पेशे की ईमानदारी और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

जून 2023 का संशोधन बना कार्रवाई का आधार
23 जून 2023 में नियम 32 में संशोधन के बाद यह प्रक्रिया और अधिक कारगर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 'अजयिंदर सांगवान बनाम बार काउंसिल ऑफ दिल्ली' मामले में इस संशोधित नियम को लागू करने की इजाजत दी थी। इसके बाद से BCI फर्जी और अयोग्य वकीलों की पहचान करने में अधिक तेजी  के साथ काम कर रही है। इस बदलाव से केवल फर्जी नामों की पहचान आसान हो गई है।

उच्च स्तरीय समिति कर रही है जांच
BCI और उच्च स्तरीय समिति लगातार जांच कर रही है, जो 'अजय शंकर श्रीवास्तव बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया' मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई है। इस समिति ने कई फर्जी मामलों की पहचान की और इन्हें हटाने का आदेश दिया। कुछ मामलों में फर्जी दस्तावेजों की समीक्षा नियम में संशोधन से पहले ही शुरू हो गई थी, जबकि अन्य मामलों पर संशोधन के बाद तेजी से कार्रवाई हुई।