Farmers Protest Live Updates: एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को प्रदर्शन कर रहे किसान आज शुक्रवार को काला दिवस मना रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान 21 साल के शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया था। दिल्ली कूच पर आज फैसला होने की उम्मीद है। इस बीच, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुभकरण के परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से एक करोड़ की मदद और छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का भी भरोसा दिया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शुभकरण सिंह की मौत के बाद पंजाब सरकार से बातचीत चल रही थी। हमारी सभी मांगें मान ली गईं हैं। हमला करने वालों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पंजाब सरकार शुभकरण सिंह को 'शहीद' का दर्जा देगी। पोस्टमॉर्टम के लिए बोर्ड गठित किया जाएगा और उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी.. दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी ..फर्ज निभा रहे हैं...
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 23, 2024
एनएसए की कार्रवाई का फैसला वापस
उधर, आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने गुरुवार देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन यह फैसला वापस ले लिया गया है। अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटीरत डीएसपी की मौत
खनौरी बॉर्डर पर मलेरकोटला के डीएसपी दिलप्रीत सिंह की ड्यूटी थी। शुक्रवार सुबह उनकी जिम में तबियत बिगड़ी। उन्हें लुधियाना अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। वह रात 8 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटीरत थे। 4 बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद वे अपने घर गए। जहां जिम के दौरान चेस्ट पेन हुआ। इसके बाद उनकी जान चली गई।
Yesterday, we lost our braveheart DSP Dilpreet Singh who was performing duty at Khanori Border, Sangrur
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) February 23, 2024
Dilpreet served Punjab Police and the people of Punjab for over 31 years
We stand by his family in their hour of grief and will do everything to support them.
Our prayers… pic.twitter.com/UUqlQ6A7Yh
जारी लेटर में क्या कहा था पुलिस ने?
हरियाणा की अंबाला पुलिस ने एक लेटर जारी करते हुए आंदोलनकारी किसानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 के तहत कार्रवाई करने का ऐलान किया था। अंबाला पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत किसान शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरियर को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने विरोध किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नष्ट किया। कानून व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास किया।
बयान में कहा गया है कि टकराव में लगभग 30 अधिकारी घायल हो गए। जिनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ और दो लोगों की जान चली गई। कुछ किसान नेताओं ने सद्भाव बिगाड़ने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर झूठ फैलाया। हरियाणा पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए किसान नेताओं से मुआवजा मांगने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
किसान आन्दोलन के दौरान हुई सरकारी सम्पति के नुकसान की भरपाई आन्दोलनकारियो की सम्पति की कुर्की और बैंक खातो को सीज करने की कार्यवाही शुरू ।
— Ambala Police (@AmbalaPolice) February 22, 2024
अम्बाला पुलिस @police_haryana @AdgpAmbalaRange @DGPHaryana pic.twitter.com/97sCHZGvp1
3 पुलिसकर्मियों की मौत, 30 से अधिक घायल
हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक अंबाला जिले में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है। एक को ब्रेन हैमरेज हुआ है। 30 से अधिक घायल हुए हैं।
क्या है किसानों की मांगें?