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Gyanvapi-Kashi Vishwanath Temple case: वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलील सुनी। इसके बाद कोर्ट ने एएसआई को दोनों पक्षों को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

Gyanvapi-Kashi Vishwanath Temple case: वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को शाम तक अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ASI से कहा कि रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को सौंपी जाए। एएसआई ने कोर्ट के सामने ई-मेल के जरिए रिपोर्ट भेजने पर असमर्थता जताई। इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी देने का निर्देश दिया गया। 

रिपोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी दी जाएगी (Varanasi Gyanvapi Mosque Dispute)
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी। इसके बाद इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्षों को एएसआई की रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी। एएसआई की ओर से दोनों पक्षों को रिपोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी सौंपी जाएगी। जैन ने कहा कि अदालत की सुनवाई खत्म होते ही हमने रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए आवेदन दे दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी वजूखाने की सफाई की अनुमति
वाराणसी के ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 16 जनवरी को अहम आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की एक महिला याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी के अंदर 'वजूखाना' की सफाई की अनुमति दे दी थी। इस वजूखाना को मई 2022 में सील कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने सफाई प्रक्रिया वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में करने का निर्देश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। 

वजूखाना में मिली शिवलिंग जैसी आकृति
दरअसल, 'वजूखाना' वह जलाशय है, जहां  मुस्लिम नमाज अदा करने से पहले हाथ-पैर धोते हैं। अदाल द्वारा जब ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराया गया तो वजूखाना में एक शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि यह एक फव्वारा है, वहीं हिंदू पक्ष का कहना है कि यह एक शिवलिंग है। इसके बाद अदालत ने 16 मई 2022 को इस वजूखाना को सील कर दिया था। 

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