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Pavagadh Jain temple: गुजरात के पंचमहल जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पावागढ़ पर्वत पर जैन मंदिर की मूर्तियां खंडित होने का मामला सामने आया है। पहाड़ी स्थित शक्तिपीठ महाकाली माता मंदिर के रास्ते में जैन तीर्थंकरों की प्राचीन मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।

Pavagadh Jain temple: गुजरात के पंचमहल जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पावागढ़ पर्वत पर जैन मंदिर की मूर्तियां खंडित होने का मामला सामने आया है। पहाड़ी स्थित शक्तिपीठ महाकाली माता मंदिर के रास्ते में जैन तीर्थंकरों की प्राचीन मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। इस पर जैन समाज ने नाराजगी जाहिर की है। जैन समाज के लोगों ने पावागढ़ थाने पहुंचकर और तोड़फोड़ रोकने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

जैन समाज की मांगें
पावागढ़ तीर्थ विकास समिति के अनुसार, पावागढ़ पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए पुरानी सीढ़ियां हैं, जिनके दोनों ओर 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान सहित सात मूर्तियां स्थापित थीं। जैन समाज ने कलेक्टर और एएसआई को शिकायत सौंपी थी कि तोड़फोड़ की प्रक्रिया में मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो जाएंगी, लेकिन उनकी याचिका को नजरअंदाज करते हुए मूर्तियां तोड़ दी गईं।

विरोध प्रदर्शन और पुलिस सुरक्षा
जैन समाज ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि महाकाली माता मंदिर के विकास के नाम पर पावागढ़ में हजारों साल पुरानी जैन मूर्तियों को तोड़ दिया गया है। जैन समुदाय के लोगों ने इसके खिलाफ पावागढ़ पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को तोड़ना धार्मिक आस्था का अनादर है। यह धार्मिक प्रथाओं और पूजा स्थलों की रक्षा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने मांग की कि तीर्थंकर मालाओं को तत्काल प्रभाव से उनके सही स्थान पर बहाल किया जाए और महाकाली मंदिर ट्रस्ट के जिम्मेदार ट्रस्टियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

उग्र आंदोलन की चेतावनी
सूरत में जैन साधु-संतों द्वारा जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया गया है। जैन मुनियों ने चेतावनी दी है कि जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती, वे धरना खत्म नहीं करेंगे। गृह मंत्री हर्ष सिंघवी ने कहा कि किसी को भी ऐतिहासिक धरोहरों को नष्ट करने का अधिकार नहीं है और जैन समाज की भावनाओं को ठेस न पहुंचे इसके लिए मूर्तियों को दोबारा स्थापित करने का आदेश दिया गया है।

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