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Kolkata rape case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर मर्डर के बाद हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने इसको खत्म कर दिया है। 21 सितंबर से डॉक्टर अपने काम पर लौटेंगे।

Kolkata rape case : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। डॉक्टरों ने काम पर लौटने का ऐलान कर दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद के विरोध में 9 अगस्त के बाद से जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

सीएम ममता के साथ बैठक में उनकी मांगों को पूरा करने के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की ऐलान कर दिया है। डॉक्टर अब काम पर लौटेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी डॉक्टरों को वापस काम पर लौटने को कहा था।

जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार 20 सितंबर से स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने का ऐलान किया है। शनिवार 21 सितंबर से सभी डॉक्टर काम पर वापस लौटेंगे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की मदद करेंगे। जूनियर डॉक्टर 41 दिनों के बाद अपने काम पर वापस लौटेंगे। 

बता दें कि कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद जूनियर डॉक्टरों के संगठनों ने धरने का ऐलान कर दिया था। इसके चलते बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं। हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की 5 मांगें थीं, जिनमें से ममता सरकार ने 3 को मान लिया है। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। 

ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की 5 में से तीन मांगों को माना और चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटा दिया। पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाकर नए आईपीएस अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को भी हटा दिया, जिनके खिलाफ पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था।

क्या थीं जूनियर डॉक्टर्स की 5 मांगें 

  • ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद साक्ष्यों को "नष्ट" करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय हो और उन्हें सजा मिले। 
  • मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
  • कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग।
  • स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था देने की मांग।
  • सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में "धमकी की संस्कृति" को खत्म करने की मांग।
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