Samresh Jung house demolition: राष्ट्रीय पिस्टल शूटिंग कोच समरेश जंग एक बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। समरेश जंग हाल ही में पेरिस ओलंपिक से लौटे हैं। वापस लौटते ही एक निराशाजनक खबर मिली। उन्हें और खैबर पास कॉलोनी के अन्य निवासियों को 2 दिनों के भीतर अपने घर खाली करने का नोटिस मिला है। यह नोटिस लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (LNDO) द्वारा जारी किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि जिस जमीन पर यह कॉलोनी स्थित है, वह रक्षा मंत्रालय के अधीन है और इसलिए इसे अवैध घोषित किया गया है।
75 साल पुरानी कॉलोनी को खतरा
समरेश जंग ने कहा कि उनका परिवार इस कॉलोनी में पिछले 75 सालों से रह रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें अचानक से यह नोटिस मिला और 2 दिनों के भीतर घर खाली करने को कहा गया। जंग ने बताया कि उन्होंने इस आदेश को चुनौती देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में घर खाली करना बेहद कठिन है और उन्होंने अधिकारियों से कुछ समय की मांग की है ताकि वे सुरक्षित तरीके से अपनी संपत्ति हटा सकें।
VIDEO | "You want to conduct a demolition drive, but it should be conducted in a proper way and people should be given time. How can a person vacate his/ her house in just one day?" says Samaresh Jung, India's National Pistol coach at Paris Olympics 2024, one of those who… pic.twitter.com/QVMjcDoJ8m
— Press Trust of India (@PTI_News) August 1, 2024
सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी
समरेश जंग, जिन्होंने 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 5 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक जीता था, ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बताया कि भारतीय शूटरों की ओलंपिक में सफलता के बाद जब वे घर लौटे, तो उन्हें यह खबर मिली कि उनका घर और कॉलोनी की दूसरी इमारतें दो दिनों के भीतर गिराई दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी बिना किसी स्पष्ट सूचना के इस तरह का आदेश जारी करना काफी चौंकाने वाला है।
समरेश जंग ने मांगा दो महीने का समय
समरेश जंग ने एक ओलंपियन और अर्जुन अवॉर्डी होने के नाते कम से कम एक सम्मानजनक विदाई की अपील की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें और कॉलोनी के दूसरे लोगों को कम से कम 2 महीने का समय दिया जाए ताकि वह अपने घरों को सुरक्षित तरीके से खाली कर सकें। इसके अलावा, उन्होंने इस मुद्दे पर सारी चीजें स्पष्ट करने की भी मांग की है ताकि निवासियों को इस मामले की सही जानकारी मिल सके और वह उचित कदम उठा सकें।
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 जुलाई को आदेश जारी किया कि यह जमीन रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है। इससे पहले 1 जुलाई को निवासियों को 4 जुलाई तक घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया था, जिसे निवासियों ने अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने 3 जुलाई को एक तत्काल सुनवाई में उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए डेमोलिशन की इजाजत दी गई थी। 9 जुलाई को हुई सुनवाई में, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपने भूमि स्वामित्व का कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए।
पीएम और केंद्रीय मंत्रियों से मांगी मदद
समरेश जंग ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा, आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर और भारतीय दल के शेफ डे मिशन गगन नारंग को टैग किया है। उन्होंने इन सभी से अपील की है कि इस मामले में उचित कदम उठाए जाएं ताकि निवासियों को न्याय मिल सके।
शुरू किया जा चुका है डेमोलिशन ड्राइव
दिल्ली के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित खैबर पास कॉलोनी में बड़े पैमाने पर डेमोलिशन की कार्रवाई पिछले महीने से शुरू हो चुकी है। इस डेमोलिशन ड्राइव के तहत अब समरेश जंग और उनके जैसे दूसरे लोगों के घरों को भी गिराने की योजना है। अदालत के आदेश के बाद इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती देने की कोशिश की। अदालत ने कॉलोनी निवासियों की याचिका को खारिज करते हुए डेमोलिशन जारी रखने की इजाजत दी थी।