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Indian Air Force station: गुजरात के बनासकांठा जिले में भारतीय वायुसेना का नया एयरबेस बनेगा। पाकिस्तान से सिर्फ 130 किमी दूर स्थित इस एयरबेस से IAF की ताकत और सुरक्षा में कई गुना इजाफा होगा।

Indian Air Force station: भारतीय वायुसेना का एक नया एयरबेस गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा शहर में बनाया जाएगा, जो पाकिस्तान की सीमा से केवल 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस एयरबेस की स्थापना से भारतीय वायुसेना की ताकत में कई गुना इजाफा होगा। रक्षा मंत्रालय ने इस एयरबेस के रनवे का सर्वेक्षण किया है, जिसे ऑब्स्टेकल लिमिटेशन सर्वे कहा जाता है। यह सर्वे एक निजी सिंगापुरी कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जिसमें बेहद कुशल और अनुभवी पायलट शामिल हैं।

4,500 एकड़ में बनेगा एयरबेस
दीसा में बनने वाले इस नए एयरबेस के लिए 4,500 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें केवल रनवे के निर्माण पर 394 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह एयरबेस पूरी तरह से *ग्रीन फील्ड कॉन्सेप्ट* तकनीक पर आधारित होगा, जो पर्यावरण के अनुकूल है। इसके निर्माण से न केवल रक्षा क्षेत्र में बल्कि आर्थिक समृद्धि में भी वृद्धि होगी, खासकर कच्छ और दक्षिणी राजस्थान में।

कांडला और जामनगर की सुरक्षा होगी मजबूत
इस एयरबेस की स्थापना से कांडला पोर्ट और जामनगर ऑयल रिफाइनरी की सुरक्षा को और अधिक मजबूती मिलेगी। यह एयरबेस भारत को न केवल सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि देश की आर्थिक और ऊर्जा संबंधित उद्देश्यों को पूरा करने में भी सहायक साबित होगा। इसके साथ ही अहमदाबाद और वडोदरा को भी वायु सुरक्षा मिलेगी।

पाकिस्तान से मुकाबला करने में बढ़ेगी ताकत
दीसा एयरबेस के निर्माण से भारतीय वायुसेना की क्षमता पाकिस्तान की तुलना में कई गुना बढ़ जाएगी। यह एयरबेस राजस्थान के भुज और उत्तरलाई एयरबेस के बीच की दूरी को कम करेगा, जिससे पश्चिमी सीमा पर वायुसेना की गतिविधियां और भी प्रभावी हो सकेंगी। पाकिस्तान के मीरपुर खास और जैकबाबाद एयरबेस की तुलना में भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना अधिक हो जाएगी।

ओएलएस सर्वे: क्या है ऑब्स्टेकल लिमिटेशन सर्वे?
ऑब्स्टेकल लिमिटेशन सर्वे (OLS) के तहत हवाई अड्डे के आसपास के बाधाओं का व्यापक निरीक्षण किया जाता है। इस सर्वे के आधार पर सुरक्षित हवाई क्षेत्र का नक्शा तैयार किया जाता है। यह सर्वे हर एयरबेस के लिए अनिवार्य होता है और तकनीकी निरीक्षण का हिस्सा होता है। इस सर्वे के बाद तैयार रिपोर्ट को रक्षा मंत्रालय को सौंपा जाएगा, जिसके आधार पर एयरबेस का पूरा नक्शा तैयार किया जाएगा।

2018 में मिली थी परियोजना को मंजूरी
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मार्च 2018 में दीसा में फाइटर बेस स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद 2020 में केंद्र ने इस एयरबेस की स्थापना का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में आयोजित डिफेंस एक्सपो में इस एयरबेस का शिलान्यास किया था।

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