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MEA Advisory: ईरान-इजरायल संघर्ष (Iran-Israel Conflict) के बीच भारत (India Travel Advisory) ने अपने नागरिकों के लिए ईरान यात्रा पर सतर्क रहने की सलाह दी है और गैर जरूरी यात्राओं से बचने की अपील की है।

MEA  Advisory: ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने बुधवार को अपने नागरिकों के लिए एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। इस एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों को ईरान की गैर-आवश्यक यात्राओं से बचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, ईरान में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने और भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की गई है।  

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि ईरान और इजरायल के बीच हालिया सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए। मंत्रालय ने ईरान में रहने वाले भारतीयों को निर्देश दिया है कि वह किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर भारतीय दूतावास से संपर्क बनाए रखें।

भारत सरकार ने क्यों जारी की यह एडवाइजरी?
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कारण भारत सरकार ने यह ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। ईरान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस एडवाइजरी को जारी किया गया है। हाल के दिनों में क्षेत्रीय संघर्ष बढ़ने की वजह से सरकार ने भारतीय नागरिकों को गैर-जरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी है। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर दी है, जिससे दूसरे देशों में भी चिंता बढ़ी है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह ट्रैवेल एडवाइजरी जारी की गई है। 

संघर्ष के हालात पर नजर बनाए रखी जा रही है
विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि वे इस क्षेत्र की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव की स्थिति को करीब से मॉनिटर कर रही है और जैसा भी जरूरी होगा उचित कदम उठाएगी। ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वह हर स्थिति में सतर्क रहें और ईरान के भीतर कहीं भी आने जाने से पहले भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें। इसके साथ ही स्थानीय कानूनों और सुरक्षा उपायों का पालन करें। 

संघर्ष को रोकने के लिए कूटनीति की अपील
MEA ने स्पष्ट किया कि इस तनाव का समाधान केवल संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। भारत ने कहा कि यह जरूरी है कि सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। वार्ता और कूटनीति (dialogue and diplomacy) पर जोर देते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों को इस दिशा में काम करना चाहिए। भारत हमेशा से अंतर्राष्ट्रीय विवादों में शांति और कूटनीति का समर्थक रहा है।

वेस्ट एशिया की सुरक्षा स्थिति पर भारत की नजर
भारत ने वेस्ट एशिया की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर नजर बनाए रखी है। MEA ने कहा कि यह संघर्ष केवल इजरायल और ईरान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे क्षेत्र पर हो सकता है। (West Asia security) को ध्यान में रखते हुए भारत ने सभी पक्षों से अपील की कि वह जिम्मेदारी से काम करें और किसी भी तरह के हिंसक कदम से बचें। 

नागरिकों की सुरक्षा सबसे अहम
भारत ने अपने बयान में खास तौर पर नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया है। MEA ने कहा कि किसी भी संघर्ष में आम नागरिकों की जान-माल की हानि को रोकना जरूरी है। भारत ने कहा कि सभी पक्षों को इस पर ध्यान देना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करना चाहिए। MEA ने चेतावनी दी कि अगर यह संघर्ष और बढ़ता है, तो इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा। 

भारत कर सकता है मध्यस्थता
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी संकेत दिया कि भारत वेस्ट एशिया के तनाव को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। शांति वार्ता में भारत की की संभावना पर MEA ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो भारत संवाद और कूटनीति के जरिए शांति स्थापित करने में योगदान देने के लिए तैयार है।

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