Mamta Banerjee Vs Congress: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को तगड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने एकला चलो रे का नारा बुलंद कर दिया है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी। उन्होंने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ममता के इस फैसले के बाद इंडिया गठबंधन की तस्वीर और उसके भविष्य पर संकट मंडराने लगे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा लेकिन बंगाल में हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं। हम अकेले ही बीजेपी को हरा देंगे। मैंने कांग्रेस को जो भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने सभी को अस्वीकार कर दिया। हम बंगाल में अकेले लड़ेंगे। चुनाव के बाद गठबंधन पर फैसला लिया जाएगा। मैं इंडिया गठबंधन का हिस्सा हूं।
ममता ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेरे राज्य में आ रहे हैं। क्या उन्हें मुझे सूचित नहीं करना चाहिए था। क्या इतना भी शिष्टाचार नहीं है।
West Bengal CM Mamata Banerjee says "I had no discussions with the Congress party. I have always said that in Bengal, we will fight alone. I am not concerned about what will be done in the country but we are a secular party and in Bengal, we will alone defeat BJP. I am a part of… pic.twitter.com/VK2HH3arJI
— ANI (@ANI) January 24, 2024
क्षेत्रीय दलों को ममता ने दी थी नसीहत
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने क्षेत्रीय दलों को अपने-अपने राज्यों में भाजपा से मुकाबला करने करने का सुझाव दिया था। कांग्रेस 300 सीटों पर भाजपा से लड़े। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि यदि क्षेत्रीय मामलों में कांग्रेस की ओर से हस्तक्षेप होता है, तो क्षेत्रीय दल अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
अधीर रंजन बोले- ममता बनर्जी की दया पर नहीं लड़ा जाएगा चुनाव
ममता बनर्जी की यह घोषणा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद की है। अधीर रंजन ने ममता बनर्जी को अवसरवादी बताया था। सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ना जानती है। 2011 के चुनाव में ममता बनर्जी कांग्रेस की कृपा से सत्ता में आई थी। इस बार भी चुनाव ममता बनर्जी की दया पर नहीं लड़ा जाएगा। ममता बनर्जी जो दो सीटें छोड़ रही हैं, उन पर कांग्रेस ने बीजेपी और टीएमसी को हराया।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे किसी की परवाह नहीं है। हमारे नेता पहले ही बोल चुके हैं। मैं चुनाव लड़कर और जीतकर ही यहां पहुंचा हूं। हम जानते हैं कि कैसे चुनाव लड़ना है और जीतना है।
क्यों कांग्रेस और टीएमसी में बिगड़ी बात?
दरअसल, सीट शेयरिंग में ममता बनर्जी ने बंगाल की 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। कांग्रेस के लिए महज 2 सीट छोड़ी थी। यह बात कांग्रेस को नागवार गुजरी। अधीर रंजन चौधरी ने कई बयान दिए। इसके बाद ममता बनर्जी ने सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने के साथ पूरे देश में अकेले उतरने का ऐलान कर दिया।