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Manipur Cm N Biren singh resign मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हाल के दिनों में गृहमंत्री अमित शाह को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव दिया था। रविवार को ही उन्होंने गृहमंत्री से मुलाकात की थी।  

Manipur Cm N Biren singh resign: मणिपुर में पिछले सालभर से जारी तनाव के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इंफाल में राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात करके अपना त्यागपत्र उन्हें सौंप दिया। इसके साथ एन बीरेन सिंह ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का प्रस्ताव भी सौंपा है। 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा- क्रोनोलॉजी समझने की जरूरत है... कल कांग्रेस पार्टी मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी... मणिपुर के सीएम को एहसास हुआ कि उनके पास बहुमत नहीं है... इसलिए उन्होंने आज अपना इस्तीफा दे दिया। यह उनकी मजबूरी थी... मणिपुर में डर का माहौल है... मुख्यमंत्री के इस्तीफे में देरी हुई है। एन बीरेन सिंह सिर्फ कठपुतली हैं, यह केंद्रीय गृह की जिम्मेदारी है। 

जयराम रमेश ने कहा- केंद्रीय गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए...पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया?...नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति से स्थिति नहीं बदलेगी...पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर का दौरा करना चाहिए। 

कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने मणिपुर में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से इस्तीफे की मांग की थी। सहयोगी दल जेडीयू विधायकों ने भी पिछले दिनों सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

एन बीरेन सिंह ने आज (रविवार) सुबह दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, करीब 12 विधायक नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। यही नहीं विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की बात भी सामने आई। दिल्ली चुनावों में भाजपा की सफलता को देखते हुए पार्टी आलाकमान नहीं चाहता कि मणिपुर की स्थिति बढ़ती सकारात्मक राजनीतिक कहानी पर हावी हो जाए।

जानकारी के मुताबिक, थोड़ी देर में विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें पार्टी हाईकमान से बात करके नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। मणिपुर में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगी थी। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री को 2 साल पहले ही बर्खास्त किया जाना चाहिए था। कल 10 फरवरी को मणिपुर विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने था। दूसरी तरफ विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा था। 

एन बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा- अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही। मैं केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने समय पर कार्रवाई की, मदद की और विकास के काम किए। हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए कई परियोजनाएं भी चलाईं। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इसी तरह काम करती रहे। 

वहीं, विपक्षी NPAF के सांसद लोरो फोज ने कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने में काफी देर कर दी। उन्हें डेढ़ साल पहले ही यह काम कर लेना चाहिए था। मणिपुर के छात्रों का जीवन बच सकता था। उनके इस्तीफे में देरी की वजह से मणिपुर को काफी नुकसान झेलना पड़ा है, जिसकी अब भरपाई नहीं हो सकती है। 

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