Parliament winter session:शुक्रवार (13 दिसंबर) को संसद की मौजूदा शीतकालीन सत्र का 14 वां दिन है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही शुरु होने के बाद चेस ग्रैंड मास्टर गुकेश डी को शतरंज विश्व चैंपियन बनने पर बधाई दी। लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर आज एक विशेष चर्चा शुरू हुई। सत्ता पक्ष की ओर से इस बहस की शुरुआत दोपहर 12 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। राजनाथ सिंह ने
प्रियंका गांधी ने दी सदन में पहली स्पीच
चर्चा के दौरान वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी सदन में अपनी पहली स्पीच दी। प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी स्वतंत्रता संग्राह एक अहिंसा की लड़ाई थी। इस संविधान को बनाने में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, सी राजगोपाल चारी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू समेत कई नेता मौजूदा का योगदान शामिल है। संविधान इंसाफ और उम्मीद की ऐसी जोत है जो देश के हर नागरिक के दिल में जल रही है।
वायनाड से ललितपुर तक किसान रो रहा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आज वायनाड से ललितपुर तक किसान रो रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के किसानों को डीएपी तक नहीं मिल पा रहा है। सरकार कुछ नहीं कर रही है। ये लोग मौजूदा समय की बात क्यों नहीं कर रहे हैं। क्या सारी जिम्मेदारी नेहरू की हैं। सरकारी कंपनियां मौजूदा समय में अडाणी को दी जा रही है। आम लोगों के बीच यह धारणा बनती जा रही है कि सरकार अडाणी जी की मदद से चल रही है।
हमने वहां भी संविधान लागू किया जहां कुछ भी लागू नहीं था
लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि देश में एक ऐसा राज्य था जहां संविधान और संसद के कानून लागू नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वहां कानून-व्यवस्था लागू कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाया। इसके परिणामस्वरूप चुनावों में रिकॉर्ड मतदान हुआ और कोई हिंसक घटना नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान की संरचना में भारतीय संस्कृति और परंपरा को प्रमुखता दी गई है।
संविधान में मिलती है हमारी संस्कृति की झलक
राजनाथ सिंह ने बताया कि संविधान के मौलिक अधिकारों के खंड में मां सीता, भगवान राम और लक्ष्मण की तस्वीरें शामिल हैं। मुख्य पृष्ठ पर अजंता-एलोरा की तस्वीर और कमल के फूल की आकृति है। ये प्रतीक बताते हैं कि हमारा संविधान गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होकर भारत के पुनर्जागरण का दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि संविधान में उकेरी गई आकृतियां देश की समृद्ध परंपरा और गौरवशाली इतिहास को दर्शाती हैं।
संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं
रक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियों ने संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान को केवल एक पार्टी की देन बताने का माहौल बनाया गया है। राजनाथ ने स्पष्ट किया कि भारत का संविधान किसी पार्टी की देन नहीं है, बल्कि यह भारत के लोगों, उनकी आकांक्षाओं और विचारों का नतीजा है। विपक्ष ने उनके बयान के बाद "शेम शेम" के नारे लगाए, जब उन्होंने पंडित नेहरू का नाम नहीं लिया।
हमारा संविधान आदर्श राष्ट्र का रोडमैप
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा संविधान भारत को एक आदर्श राष्ट्र बनाने का रोडमैप है। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और अखंडता की नींव पर आधारित है। उन्होंने इसे विकास और नागरिकों की गरिमा बनाए रखने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि संविधान हमारी संस्कृति, राजनीति और सामाजिक संरचना को जोड़ने वाला दस्तावेज है, जो भारत को विश्व मंच पर आदर्श स्थान दिलाने में सहायक है।
राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
शुक्रवार को राज्यसभा में एक बार फिर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। इंडिया ब्लॉक की ओर से डीएमके के सांसद तिरुचि शिवा ने विपक्ष की ओर से बात रखी। इस दौरान तिरुचि शिवा ने सदन के नियमों को कोट करते हुए कहा कि सदन का कोई भी सदस्य दूसरे सदस्य पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल या आरोप नहीं लगा सकता। बीते दो दिनों से सदन में ऐसा ही हुआ है। शिवा ने सभापति जगदीप धनखड़ से सदन के रिकॉर्ड से ऐसी सभी टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। हालांकि, ये भी कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे मुझसे आज 12 बजे आकर मिल सकते हैं।
धनखड़ बोले- विपक्ष ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा के सभापति धनखड़ विपक्षी सांसदों को जमकर फटकार लगाई। धनखड़ ने कहा कि मुझे बहुत अपमान सहना पड़ा है। आपका अधिकार है कि प्रस्ताव पर चर्चा हो लेकिन आपने संविधान की धज्जियां उड़ा दी। आपने एक मुहिम चला रखी है। खड़गे जी मैं कह सकता हूं कि आप आइए मुझसे मिलिए। यहां सभी को ऐसा लग रहा है कि एक किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है। मैं किसान का बेटा हूं कमजोर नहीं पडूंगा। देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा लेकिन मैं कमजोर नहीं पडूंगा।
राज्यसभा में भी होगी संविधान पर बहस
संविधान पर चर्चा केवल लोकसभा में नहीं बल्कि राज्यसभा में भी होगी। राज्यसभा में यह बहस 16 और 17 दिसंबर को होगी। राज्यसभा में बहस की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को राज्यसभा में अपने विचार रखेंगे। कांग्रेस की ओर से विपक्ष का नेतृत्व मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। खड़गे ने कहा कि चर्चा के जरिए संविधान और इसकी मौलिकता को समझाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वर्तमान परिस्थितियों में संविधान पर बहस अत्यंत जरूरी है।
पीएम मोदी ने संसद हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी,उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के पदेन सभापति जगदीप धनखड़, राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू और दूसरे सांसदों ने संसद पर हुए हमले की 23वीं बरसी पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
#WATCH | Delhi: Vice President Jagdeep Dhankhar, Prime Minister Narendra Modi, Rajya Sabha LoP Mallikarjun Kharge, Lok Sabha LoP Rahul Gandhi, Union HM Amit Shah, Union Ministers JP Nadda, Kiren Rijiju and others to shortly pay tribute to the fallen jawans, at the Parliament, on… pic.twitter.com/VJ5wlUD2im
— ANI (@ANI) December 13, 2024
प्रियंका गांधी देंगी सदन में पहला भाषण
प्रियंका गांधी के संसद में अपनी पहली स्पीच देने की संभावना पर सभी की नजरें टिकी हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष और उनके भाई और राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। मौजूदा सत्र में प्रियंका गांधी सरकार के खिलाफ बेहद आक्रामक नजर आई हैं। वह लगातार सदन परिसर में अडाणी समेत दूसरे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। ऐसे में वह सदन में क्या बोलती हैं इस पर नजरें टिकी होंगी। डीएमके नेता टीआर बालू और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई दूसरे विपक्षी नेता भी चर्चा में भाग लेंगे।
भाजपा और कांग्रेस का व्हिप जारी
चर्चा की गंभीरता को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति बनाई। कांग्रेस ने भी मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में बैठक की और अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
संविधान पर चर्चा की मांग क्यों?
विपक्षी नेताओं ने हाल ही में संविधान पर बहस की मांग की थी। मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों को पत्र लिखा था। उनका कहना है कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर संविधान की भूमिका और महत्व को समझाने की आवश्यकता है।
संविधान दिवस का क्या है महत्व?
भारत सरकार ने 2015 में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इस साल 26 नवंबर को संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया। 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ संविधान भारत के गणतंत्र के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।