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Appointing CEC and Other ECs: चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद से सियासत जारी है। वे मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले आयुक्त का इस्तीफा क्यों? हमें स्वतंत्र संस्थाओं को खत्म किए जाने से नहीं रोका तो लोकतंत्र पर तानाशही कब्जा कर लेगी।

Appointing CEC and Other ECs: चुनाव आयोग में इस समय दो चुनाव आयुक्तों के पद खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पैनल 15 मार्च को दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है। इससे पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को रोकने की मांग की गई है। याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (सेवा की नियुक्ति शर्तें और कार्यालय की शर्तें अधिनियम 2023) की धारा 7 और 8 का हवाला दिया गया है। साथ ही अरूप बरनवाल फैसले के अनुसार चुनाव आयोग के सदस्य की नियुक्ति के निर्देश देने की भी मांग की गई है।

1985 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अरुण गोयल
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने पिछले हफ्ते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे 1985 बैच के पंजाब कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 18 नवंबर 2022 को सचिव पद से वीआरएस लिया था। इसके अगले दिन वे चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। वे चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे थे। लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्होंने बीच में दौरा छोड़ दिया। 

अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं। अरुण गोयल के इस्तीफे से लोकसभा चुनावों से पहले सीईसी राजीव कुमार देश में एकमात्र चुनाव आयुक्त बन गए हैं।

15 मार्च को नियुक्ति की संभावना
उम्मीद है कि 15 मार्च को दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति हो जायेगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय चयन समिति की 14 मार्च को बैठक करने की संभावना है। इसमें केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। 

दिसंबर 2023 में बना था नियुक्ति का नया कानून
पिछले साल दिसंबर 2023 में राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक नए कानून को मंजूरी दी थी। नए कानून के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए जिम्मेदार पैनल में प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल हैं।

मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सलाह पर की जानी चाहिए। हालांकि, जनवरी 2024 में शीर्ष अदालत ने नए कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसका मतलब यह हुआ कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति अब नए कानून के मुताबिक पैनल के जरिए की जाएगी।

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