Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अचानक एक बार फिर से राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्हें हाल ही में चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलगू देशम पार्टी (TDP)के नेता नारा लोकेश के साथ देखा गया। इसके बाद वह चंद्रबाबू नायडू से मिले। इसके बाद से ही चर्चा तेज है कि PK बिहार में राजनीति छोड़ फिर से चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में लौटने वाले हैं। हालांकि, प्रशांत किशोर ने अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्टकरण नहीं दिया है। वहीं, TDP अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट से उनकी मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी।
आंध्र-प्रदेश की राजनीति में छिड़ी बहस
आंध्र- प्रदेश में प्रशांत किशोर की नई भूमिका को लेकर बहस छुड़ गई है। दरअसल प्रशांत किशोर जिस आई-पैक कंपनी के सह संस्थापक रहे हैं, वह आंध्र प्रदेश के CM जगन मोहन रेड्डी के लिए काम करती है। प्रशांत खुद भी उनके चुनावी अभियान से जुड़े रह चुके हैं। PK की इस मुलाकात के बाद जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने इस पर ऐतराज जताया है।
आईपैक ने जारी किया स्पष्टीकरण
आईपैक को मौजूदा समय में प्रशांत के दो पुराने सहयोगी रॉबिन शर्मा और शांतनु सिंह चला रहे हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आईपैक ने भी प्रशांत किशोर के चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। आईपैक ने कहा कि कंपनी फिलहाल YSRCP के लिए काम कर रही है। यह तब तक इस पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने का काम करेगी जब तक 2024 में जगन मोहन रेड्डी दोबारा आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री न बन जाए।
I-PAC has been working in collaboration with @YSRCParty since last year. Together, we're dedicated to working tirelessly until @ysjagan secures a thumping victory again in 2024 and continues his unwavering efforts to better the lives of the people of Andhra Pradesh.
— I-PAC (@IndianPAC) December 23, 2023
बिहार में भी बढ़ी राजनीतिक हलचल
प्रशांत किशोर मौजूदा समय में बिहार में जन सुराज अभियान चला रहे है। इसके तहत वह प्रदेश के सभी जिलों की पैदल यात्रा कर रहे हैं। वे लोगों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कमियां गिना रहे हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर उन्होंने कई बार तीखी टिप्पणियां की है। PK प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लेते रहे हैं। वह बिहार में जमीनी स्तर से अपने संगठन को राजनीतिक मजबूती देने का काम कर रहे हैं। ऐसे में उनका अचानक चंद्र बाबू नायडू से मिलना जन सुराज के स्वयंसेवकों के लिए भी चर्चा का विषय है।
जगन के चुनावी अभियान से क्या है प्रशांत किशोर का कनेक्शन
प्रशांत किशोर जगन के चुनावी अभियान से सीधे तौर पर नहीं जुड़े रहे हैं। IPAC का दावा है कि उन्होंने YSRCP के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने में उनकी मदद ली थी। आईपैक ने जगन के लिए चुनवी रणनीति तैयार करने के आखिरी चरण में प्रशांत किशोर की मदद ली थी। प्रशांत के इस क्षेत्र में गहरे अनुभव को देखते हुए कंपनी ने उनसे संपर्क किया था। इसके बाद प्रशांत किशोर ने IPAC को मदद की थी। प्रशांत किशोर फिलहाल इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं है। वह 2019 में ही राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए इसे छोड़ चुके हैं। इसके बाद वह जनता दल यूनाइटेड(JDU)में शामिल हुए। नीतीश कुमार से मतभेद होने के बाद JDU छोड़कर जन सुराज अभियान पर निकल गए।
जानिए कैसा रहा चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत का सफर
वर्ष | क्या रही PK की एक्टिविटी | क्या रहा रिजल्ट |
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2013 | सिटिजन्स फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस (CAG) बनाई | नरेंद्र मोदी के चुनाव के लिए चुनावीअभियान का नेतृत्व किया |
2015 | नीतीश कुमार के साथ बिहार चुनावों के लिए जुड़े | बिहार विधान सभा चुनाव जीतने में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। नीतीश कुमार के सलाहकार बने। |
2020 | 2020 बिहार विधान सभा चुनावों में हुए शामिल | सरकारी दलों के लिए रणनीतिक सहायता प्रदान की। |
2016 | कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए हायर किया | असफल रहे, क्योंकि भाजपा ने अधिकांश सीटें जीतीं। |
2017 | पंजाब चुनाव के लिए अमरिंदर सिंह के साथ काम | सफल अभियान में मदद की। |
2019 | आंध्र प्रदेश चुनावों के लिए जगन मोहन रेड्डी से जुड़े | विधान सभा चुनाव में जीत के लिए योगदान किया। |
2020 | दिल्ली चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े | दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई। |
2021 | पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए ममता बनर्जी के साथ जुड़े | जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। |
2021 | तमिलनाडु चुनाव के लिए एम.के. स्टालिन के साथ जुड़े | विधान सभा चुनाव में जीत दिलाने में मदद की |
2021 | राजनीतिक रणनीतिक के रूप में सेवानिवृत्ति | संकेत दिया कि अपना राजनीतिक संगठन बना सकते हैं। |