Vishal Agarwal Net Worth: पुणे पुलिस ने तेज रफ्तार महंगी पोर्श कार से दो लोगों की जान लेने वाले नाबालिग के पिता, विशाल अग्रवाल, को गिरफ्तार कर लिया है। बेटे की करतूत सामने आने के बाद अग्रवाल को पुलिस द्वारा पकड़े जाने का अंदेशा था, इसलिए उसने भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया। पुलिस ने 21 मई को उसे औरंगाबाद के संभाजीनगर में एक लॉज से गिरफ्तार कर लिया। विशाल अग्रवाल (Vishal Agarwal) पुणे के नामी बिल्डर हैं और उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को करोड़ों की कार खरीदकर दी थी, जिससे उसने यह हादसा किया। आइए, जानते हैं कितनी दौलत का मालिक है विशाल अग्रवाल
ब्रह्मा कॉर्प के मालिक है विशाल अग्रवाल
इस मामले ने पूरे देश में गुस्सा भड़का दिया है, खासकर इसलिए कि नाबालिग आरोपी वेदांत अग्रवाल को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) ने कुछ ही घंटों में जमानत दे दी थी। शर्तों के तहत आरोपी को निबंध लिखने और पुलिस के साथ 15 दिनों तक काम करना था। आरोपी के पिता, विशाल अग्रवाल, पुणे के बड़े रियल एस्टेट डेवलपर हैं और उनकी कंपनी का नाम ब्रह्मा कॉर्प (Brahma Corp) है, जिसकी स्थापना विशाल के परदादा ब्रह्मदत्त अग्रवाल ने की थी।
क्या हैं विशाल की कंपनी के प्रमुख प्रोजेक्ट्स
विशाल अग्रवाल के नेतृत्व में ब्रह्मा कॉर्प ने तेजी से प्रगति की है। पिछले 40 सालों से यह कंपनी पुणे में निर्माण व्यवसाय की अग्रणी कंपनी बनी हुई है। कंपनी ने वडगांव शेरी, खराड़ी, और विमान नगर इलाकों में कई बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स बनाए हैं। इसके अलावा, ब्रह्मा कॉर्प ने पुणे में ली मेरिडियन होटल और रेजीडेंसी क्लब जैसे बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया है। वर्तमान में कंपनी के आठ प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं, जबकि तीन प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
कितनी है विशाल अग्रवाल की कंपनियों का नेटवर्थ
अग्रवाल परिवार की दो अन्य कंपनियां भी हैं, ब्रह्मा मल्टीस्पेस (Brahma Multispace) और ब्रह्मा मल्टिकॉन (Brahma Multicon) । ब्रह्मा कॉर्प समय पर प्रोजेक्ट डिलीवर करने के लिए प्रसिद्ध है, जिससे इसके प्रोजेक्ट्स की डिमांड बनी रहती है। विशाल अग्रवाल की इन कंपनियों की नेटवर्थ लगभग 601 करोड़ रुपए है। पुणे पुलिस ने विशाल के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की धारा 75, 77 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, क्योंकि उन्होंने यह जानते हुए कि उनके बेटे के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसे कार दी।
पुलिस की गिरफ्त में आने की कहानी
बेटे के एक्सीडेंट की खबर सुनने के बाद, विशाल अग्रवाल ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। वह अपनी एक कार से घर से निकला और बीच में उतरकर ड्राइवर को मुंबई जाने के लिए कहा। उन्होंने दूसरे ड्राइवर को दूसरी कार से गोवा जाने के लिए कहा। इसके बाद, उन्होंने औरंगाबाद जाने के लिए अपने एक दोस्त की कार का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्होंने एक नए सिम कार्ड का भी उपयोग किया, ताकि उनका नंबर ट्रैक न हो सके। हालांकि, पुलिस को जानकारी मिल गई कि वह संभाजीनगर की एक लॉज में रुके हैं। 21 मई की रात को पुलिस ने लॉज पर छापेमारी कर विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया।