Pune Porsche Accident:पुणे के पोर्श एक्सीडेंट और मर्डर केस में बुधवार को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी और उसे 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया गया। इस मामले में आरोपी के पिता को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। इसके साथ ही अब तक इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिस पब में आरोपी ने शराब पी थी, उसके अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर चलाया गया है।
आरोपी को पहले मिल गई थी जमानत
आरोपी पुणे के एक जाने माने बिल्डर का बेटा है, जिसने 18 मई की रात शराब के नशे में अपनी पोर्श कार से बाइक को टक्कर मारी थी, जिससे बाइक सवार आईटी इंजीनियर युवक-युवती की मौत हो गई थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को 15 घंटे में कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया था, लेकिन पुलिस की अपील पर बुधवार को उसे दोबारा बुलाया गया। इस बार पुलिस ने काफी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा।
आरोपी का पिता पुलिस रिमांड में भेजा गया
पुणे पुलिस ने इस केस को गंभीर बताते हुए जुवेनाइल बोर्ड के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने पुलिस को जुवेनाइल बोर्ड में पुनर्विचार के लिए भेजा, जिसके बाद बोर्ड ने आरोपी को दोबारा पेश होने का निर्देश दिया। पुलिस ने आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया। आरोपी के पिता, बिल्डर विशाल अग्रवाल, को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। कोर्ट से बाहर आते समय कुछ लोगों ने पुलिस वैन पर स्याही फेंकी और विशाल अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी की।
आरोपी ने 90 मिनट में गटकी थी 48 हजार की शराब
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पुणे के एक बार में 90 मिनट में 48 हजार रुपए की शराब पी थी। शराब के नशे में चूर होकर वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि आरोपी ने 18 मई को कोजी पब में 48 हजार रुपए का बिल चुकाय था। इसक बाद वह गाड़ी लेकर सड़क पर निकल गया और रात 2 बजे एक्सीडेंट किया। पुलिस ने आरोपी का ब्लड टेस्ट कराया गया। जांच में उसके शराब पीने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद उसके खिलाफ ड्रिंक एंड ड्राइव और गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अब तक मामले में 5 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
अब तक पुलिस ने आरोपी के पिता सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और स्टाफ जयेश बोनकर शामिल हैं। इन सभी पर एक नाबालिग को शराब बेचने परोसने का आरोप है। कोजी रेस्टोरेंट और ब्लैक क्लब होटल को सील कर दिया है। इसके साथ ही नगर निगम ने विभिन्न पब और बार के अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चलाया है। सभी बार को दिशा निर्देश दिया गया है कि शराब बेचने और पड़ोसने से जुड़े दिशा निर्देशों का पालन करें।
पुलिस को चकमा देकर भागने की फिराक में था आरोपी का पिता
पोर्श एक्सीडेंट और मर्डर केस में आरोपी का पिता, बिल्डर विशाल अग्रवाल, ने पुलिस से बचने के लिए कई तरकीबें अपनाईं। बेटे के एक्सीडेंट की खबर सुनने के बाद, विशाल ने भागने का फुलप्रूफ प्लान बनाया, लेकिन उसकी पैंतरेबाजी काम नहीं आई। पहले तो वह अपनी कार लेकर घर से निकल गया। इसके बाद अपने ड्राइवर को मुंबई जाने के लिए कह दिया। इसके बाद वह दूसरे ड्राइवर को साथ लेकर गोवा चलने को कहा। हालांकि, विशाल, मुंबई के रास्ते में अपनी कार से उतर गया। इसके बाद अपने एक दोस्त की कार का इस्तेमाल करते हुए छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) की ओर बढ़ गया।
कुछ इस तरीके से आरोपी के पिता तक पहुंची पुलिस
पुलिस के अनुसार, विशाल ने पुलिस को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की। कई कार बदले और नए सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। इस बात का पूरा ध्यान रखा कि उसका नंबर ट्रैक न हो सके। हालांकि, पुलिस को सूचना मिल गई कि विशान अपने दोस्त की कार से भागने की फिराक में है। पुलिस ने इसके बादGPS के जरिए गाड़ी को ट्रैक करना शुरू कर दिया। पुणे क्राइम ब्रांच की एक टीम ने CCTV फुटेज का इस्तेमाल कर विशाल अग्रवाल की पहचान की। 21 मई की रात पुलिस विशाल तक पहुंचने में सफल हो गई। संभाजीनगर के एक लॉज से पुलिस ने विशाल और उसके दो सहयोगियों को अरेस्ट कर लिया।
2.44 करोड़ की कार का महज 1758 रुपए के लिए नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
RTO के अधिकारी संजीव भोर के अनुसार, आरोपी के पिता ने मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर से 2.44 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्श कार खरीदी थी। डीलर से इस कार का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसके बाद विशाल ने डीलर से यह कार ले ली। कार का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन 18 मार्च 2024 से 17 सितंबर 2024 तक वैलिड पाया गया। ऐसी भी जानकारी मिली है कि कार ऑनर 18 अप्रैल 2024 को पुणे के RTO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए आया था। जिसके बाद जांच और दूसरी सभी प्रक्रियाएं उसी दिन पूरी कर ली गई थीं। लेकिन, महज 1758 रुपए की फीस भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से कार का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया जा सका।
दो IT इंजीनियर्स की गई थी हादसे में जान
चश्मदीदों के अनुसार, घटना के समय नाबालिग आरोपी ने रात करीब 2 बजे, कल्याणीनगर में बाइक सवार IT इंजीनियर्स को पीछे से टक्कर मारी। टक्कर के बाद कार का एयरबैग खुल गया। आरोपी को कार के अंदर से बाहर कुछ भी नजर आना बंद हो गया। इस वजह से उसे मजबूरन कार रोकनी पड़ी। जैसे ही कार रुकी स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इस हादसे में मध्य प्रदेश के निवासी इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। हादसे वक्त दोनों एक पार्टी से लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार लड़की हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर गिरी और युवक पास खड़ी दूसरी कार से जा टकराया।