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Rajiv Gandhi Assassination Case: अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, संथन को कार्डियक अरेस्ट हुआ। उसे 27 जनवरी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वह लिवर फेलियर के साथ क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस से पीड़ित था।

Rajiv Gandhi Assassination Case: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में रिहा किए गए दोषियों में से एक टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथन का बुधवार को चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में निधन हो गया। वह श्रीलंका जाना चाहता था। पिछले हफ्ते केंद्रीय विदेश मंत्रालय के तहत विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी ने 56 साल के संथन को श्रीलंका वापस जाने की परमीशन दी थी। लेकिन वह बीमारी के चलते नहीं जा सका था। 

क्या है संथन के मौत की वजह?
अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, संथन को कार्डियक अरेस्ट हुआ। उसे 27 जनवरी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वह लिवर फेलियर के साथ क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस से पीड़ित था। ऐसा शराब के अधिक सेवन से हुआ था। संथन के वकील पुगाझेंधी ने बताया कि जब निधन हुआ तो उनके भाई अस्पताल में थे। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए श्रीलंका स्थित उनके घर ले जाया जाएगा। व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

त्रीची केंद्रीय जेल के स्पेशल कैंप में था संथन
संथन को त्रीची केंद्रीय जेल के एक स्पेशल कैंप में रखा गया था। उसने अपने देश वापस जाने के लिए लेटर लिखा था। 23 फरवरी को एफआरआरओ के आदेश के बाद संथन को दो दिनों के भीतर श्रीलंका भेजा जाना था। लेकिन उसकी तबियत बिगड़ गई। 

मिली थी मौत की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने किया था रिहा
मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या में गिरफ्तार 26 आरोपियों में से 19 को बरी कर दिया था। जबकि मुरुगन, संथन, पेरारिवलन और नलिनी को मौत की सजा दी गई। वहीं, पायस, रविचंद्रन और जयकुमार की मौत की सजा को कम करके आजीवन कारावास में बदल दिया। तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) से संबद्ध एक आत्मघाती हमलावर द्वारा की गई राजीव गांधी की हत्या के बाद सभी सात व्यक्तियों को हफ्तों और महीनों में गिरफ्तार किया गया था। संथन को सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में रिहा कर दिया था।

1991 में आया था तमिलनाडु
सीबीआई के अनुसार, संथन अप्रैल 1991 में तमिलनाडु आया था। लिट्टे के इंटेलिजेंस विंग का सदस्य था। उसे फरवरी 1988 में लिट्टे मास्टरमाइंड शिवरासन ने मद्रास (चेन्नई) में पढ़ाई करने का सुझाव दिया था। इसके बाद फरवरी 1990 में संथन ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया। संथन को राजीव गांधी की हत्या की साजिश में शिवरासन के साथ घनिष्ठ संबंध के आरोप का सामना करना पड़ा।

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