Supreme Court Rebukes State Bank of India: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड पर पूरा डेटा साझा नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि संविधान पीठ के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी डीटेल, खरीद की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी सहित दिया जाए। एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर्स का भी खुलासा किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध कराया गया डेटा अधूरा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से कौन पेश हो रहा है? उन्होंने बॉन्ड संख्या का खुलासा नहीं किया है। इसका खुलासा भारतीय स्टेट बैंक को करना होगा। अदालत ने एसबीआई को नोटिस जारी किया है। जिस पर 18 मार्च तक जवाब मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। अदालत ने एसबीआई को पिछले 5 वर्षों में किए गए दान पर सभी विवरण साझा करने का निर्देश दिया था।
Electoral Bonds | Supreme Court allows the request of ECI to return the data for being uploaded on the website.
— ANI (@ANI) March 15, 2024
Supreme Court says Registrar Judicial of the apex court to ensure that documents are scanned and digitised and once the exercise is complete the original documents… pic.twitter.com/W7rOJVPNDp
चुनाव आयोग की याचिका पर हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों वाली पीठ के सामने दो मौकों पर सीलबंद बक्सों में कोर्ट को सौंपे गए इलेक्टोरल बॉन्ड के दस्तावेजों को वापस करने की मांग की गई।
चुनाव आयोग ने कहा कि जो सीलबंद रिकॉर्ड दिया गया है, उसकी कॉपी हमने नहीं रखी है। इसलिए उसका खुलासा करने लिए हमें वो चाहिए। क्योंकि सीलबंद रिकॉर्ड वापस नहीं आने तक वह अपनी वेबसाइट पर जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकता है। इस पर अदालत ने कहा कि बॉन्ड नंबरों का भी खुलासा किया जाए। कोर्ट ने एसबीआई को डेटा की कॉपी देने का आदेश दिया है।
अदालत ने रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चुनाव आयोग द्वारा सीलबंद लिफाफे में दाखिल किए गए डेटा को वापस करने से पहले स्कैन और डिजिटाइज किया जाए।