Samyukt Kisan Morcha: पंजाब के किसान मांगों को लेकर 'भगवंत सरकार' के खिलाफ लामबंद हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) बुधवार (5 मार्च) से चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाएगा। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर चंडीगढ़ की तरफ कूच करेंगे। सेक्टर-34 में मोर्चा लगाने की तैयारी है। किसान नेता जोगिदर सिंह उगराहां ने वीडियो जारी कर कहा कि कूच के दौरान जहां पुलिस रोके, वहीं सड़क किनारे खाली जगह पर बैठ जाएं। हमारा उद्देश्य टकराना नहीं है। पुलिस ने पंजाब बॉर्डर सील कर दिया है। 1500 जवान तैनात किए हैं। लोगों को 12 सड़कों से न गुजरने की सलाह दी है।
किसानों को रोकने कड़े इंतजाम
किसानों को रोकने पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने अपनी सीमाएं सील करना शुरू कर दी हैं। मोहाली के बॉर्डर पर नाका लगाया है। यहां से पंजाब की ओर से आने वाले किसानों को रोकने की तैयारी है। पुलिस ने 1500 कर्मी तैनात किए हैं। साथ ही रिजर्व फोर्स तैनात करने की भी तैयारी है। इससे पहले, चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें लोगों को 12 सड़कों से न गुजरने की सलाह दी है।
सीएम के साथ हुई बैठक बेनतीजा
SKM ने सभी राज्यों की राजधानियों में 5 मार्च को पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया था। इसी के तहत पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने की घोषणा की। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान नेताओं को 3 मार्च को बैठक के लिए आमंत्रित किया था। चंडीगढ़ के पंजाब भवन में किसानों की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मीटिंग हुई थी। हालांकि, बैठक बेनतीजा रही। मीटिंग के दौरान हुई बहस के बाद भगवंत मान उठ कर चले गए, जिस पर किसानों ने नाराजगी जताई है।
कई किसान नेताओं को किया गिरफ्तार
किसानों ने मंगलवार को इसे लेकर एक मीटिंग रखी थी। मीटिंग से पहले ही किसानों पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी। इसके बाद किसानों ने घोषणा की कि वे चंडीगढ़ में मोर्चा लगाएंगे। चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने की घोषणा के बाद 4 मार्च की सुबह पंजाब पुलिस ने कई बड़े किसान नेताओं के घर छापे मारे। पुलिस ने बलबीर सिंह राजेवाल समेत कई कई बडे़ किसान नेताओं को हिरासत में लेने के अलावा नजरबंद किया। SKM ने ऐलान किया कि वह हर हाल में पक्का मोर्चा लगाएंगे।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- किसान और खेत मजदूरों का कर्ज माफ हो, पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।