Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर और बाद में राजनीति में आया मुख्तार अंसारी गाजीपुर के कब्रिस्तान में दफन हो चुका है। उसके जनाजे में शनिवार को 30 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। पूर्वांचल के गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ समेत कई जिलों में अंसारी फैमिली का सालों से दबदबा रहा है। ऐसे में यह जानकर आपको हैरानी होगी कि कभी मुख्तार को रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी से टक्कर मिली थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ जमीन हड़पने का पहला केस दर्ज कराया था। यही नहीं उसके गुर्गों पर 2000 ईंटें चोरी का आरोप भी इसी बुजुर्ग कर्मचारी ने लगाया था। आइए, जानते है कौन हैं पूर्वांचल के डॉन को चुनौती देने वाला शख्स?...
कौन है हरिचंद्र विश्वकर्मा?
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी करीब 20 साल तक मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहा था और इसी इलाके में रहते हैं हरिश्चंद्र विश्वकर्मा... अब उनकी उम्र करीब 82 साल हो चुकी है। रेलवे की सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद मऊ में परिवार के साथ रहते हैं। यही वो शख्स है, जिसने जान की परवाह किए बगैर कई सालों तक मुख्तार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। एक न्यूज चैनल ने उनसे पुराने मामले पर बात की। गैंगस्टर मुख्तार की मौत को लेकर पूछे जाने पर हरिश्चंद्र कहते हैं- "एक दिन हम सभी को मरना है। यह आपकी और मेरी दोनों की कहानी है।"
मुख्तार अंसारी से जुड़ा क्या मामला था?
हरिश्चंद्र विश्वकर्मा ने बताया- "मेरे घर के सामने वाली जमीन पर मुख्तार अंसारी के लोगों ने कथित तौर पर कब्जा कर लिया था। फिर यहां एक स्कूल बनाया गया और इसका उद्घाटन करने के लिए मुख्तार को बुलाया गया, तब वो इलाके का विधायक था। स्कूल तक सड़क बनाने के लिए उनके (मुख्तार अंसारी) के गुर्गों ने 2,000 ईंटें चोरी कर लीं, जो मैंने अपना घर बनाने के लिए खरीदी थीं। जब मुख्तार स्कूल का उद्घाटन करने आया, तो उसे लोगों ने सिक्कों से तोला था।''
केस वापसी के लिए गुंडों ने हमला कराया
रिटायर्ड रेलकर्मी ने कहा- थोड़ी पड़ताल करने पर मामूल हुआ कि यह जमीन तो राज्य सरकार की है। मैंने तुरंत मुख्तार अंसारी और उनके लोगों के खिलाफ जमीन हड़पने का केस दर्ज कराया। मैं 2003 में नौकरी से रिटायर हुआ था तो कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पैसों की कमी नहीं हुई, मैंने अपने पेंशन फंड का इस्तेमाल केस लड़ने में किया। विश्वकर्मा बताते हैं कि मेरे बड़े भाई पर मुख्तार के गुंडों ने हमला तक कर दिया था, लेकिन मैंने केस वापस नहीं लिया। लंबी कानूनी लड़ाई में जीत मिली और अब यह जमीन मऊ नगरपालिका की संपत्ति है।
घर बनाने के लिए खरीदीं ईंटें अब तक नहीं मिलीं
- हरिचंद्र विश्वकर्मा कहते हैं कि मेरी कोशिश से सरकारी जमीन तो कब्जे से बच गई, लेकिन मुझे चोरी हुई ईंटें कभी नहीं मिलीं। जो मैंने अपना घर बनाने के लिए खरीदी थीं, 2018 में जब अपना सपना पूरा करने के लिए सक्षम हुआ तो पत्नी का स्वर्गवास हो गया। मैंने 2003 में सेवानिवृत्त होने के बाद कभी आराम नहीं किया।
- पूर्व रेलवे कर्मचारी हरिश्चंद्र विश्वकर्मा ने पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ जमीन हड़पने का पहला मामला दायर किया। यह मुख्तार पर दर्ज 65 से अधिक मामलों की लंबी सूची में शामिल था। मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार को मौत हो गई थी। वह 63 साल का था।
मुख्तार अंसारी की क्राइम फाइल- 65 केस दर्ज
माफिया मुख्तार अंसारी 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब की अलग-अलग जेलों में सजा काट रहा था। उसे दो बार उम्रकैद हो चुकी थी। महज 15 साल की उम्र में पहली बार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हुई थी। इसके बाद से मुख्तार का आपराधिक रिकॉर्ड बढ़ता गया और उसके खिलाफ हत्या से लेकर वसूली तक के 65 मामले दर्ज हुए। गैंगस्टर से नेता बनकर उसने मऊ विधानसभा सीट से लगातार पांच बार जीत हासिल की। जिसमें दो बार मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने उसे टिकट दिया था। जबकि तीन बार मुख्तार अंसारी निर्दलीय चुनाव जीकर विधानसभा पहुंचा।