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Harshit Rana Border-Gavaskar Trophy: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 नवंबर से खेले जाने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में दिल्ली के तेज गेंदबाज हर्षित राणा को जगह मिली है। उन्होंने इस दौरे के लिए 17 किलो वजन घटाया है। उनके पिता भी वेटलिफ्टर रह चुके हैं।

Harshit Rana Border-Gavaskar Trophy: भारत को अगले महीने 5 टेस्ट की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना। इस टूर के लिए भारतीय टेस्ट टीम में 2 नए चेहरों को जगह मिली है। इसमें दिल्ली के पेसर हर्षित राणा भी शामिल हैं। हर्षित ने इस टूर के लिए अपना 17 किलो वजन कम किया है। बचपन से ही उनका सपना था कि वो ऑस्ट्रेलिय़ा में टेस्ट खेले, जो अब पूरा हो सकता है। 

22 साल के हर्षित राणा ने आईपीएल 2024 में अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया था। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनाने में अहम रोल निभाया था। इसी दौरान टीम के मेंटर गौतम गंभीर, जो अब इंडिया के हेड कोच हैं कि हर्षित पर नजर पड़ी थी। इसके बाद से ही वो टीम इंडिया में जगह बनाने की रेस में आ गए थे। उन्हें पहले ही व्हाइट बॉल टीम में जगह मिल गई थी और अब पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। 

भारतीय टेस्ट टीम में चुने जाने के बाद हर्षित ने रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ 5 विकेट लेकर इसका जश्न मनाया। उन्होंने सिर्फ 5 विकेट ही नहीं लिए, बल्कि 8वें नंबर पर आकर फिफ्टी भी ठोकी। अब उनकी नजर टेस्ट डेब्यू पर है। 

हर्षित राणा के लिए टीम इंडिया तक का सफर आसान नहीं रहा। वो लगातार चोट से जूझते रहे। लेकिन, असली चैंपियन की तरह उन्होंने हर बार चोट से उबरकर वापसी की। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं शुरू से ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर जुनूनी रहा हूं। मैं दिल्ली की सर्दी में सुबह 4 बजे उठकर अपने पिता के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच देखता था। तभी से मन में ये सपना था कि भारत की तरफ से ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट खेलना है। 

हर्षित ने कहा, "टीम प्रबंधन मेरे कार्यभार पर ध्यान दे रहा है। मैं सिर्फ भारत के लिए खेलना चाहता हूं, चाहे वह टी-20 हो, वनडे हो या टेस्ट मैच। मैं खुद को तीनों प्रारूपों के गेंदबाज के रूप में देखता हूं।"

हर्षित के लिए क्रिकेट खेलना कभी आसान नहीं रहा। उन्हें ऐज ग्रुप से लेकर फर्स्ट क्लास क्रिकेट तक चोट का सामना करना पड़ा। उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि एक समय तो पिता ने ये सोच लिया था कि हर्षित कभी प्रोफेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। लेकिन, हर्षित ने संघर्ष जारी रखा और आज इस मुकाम पर हैं। 

पिता प्रदीप ने हर्षित की चोट को लेकर बताया, "पहले पीठ में दर्द हुआ, फिर कमर में, फिर पिंडली में और कंधे में। उसके शरीर का हर हिस्सा घायल था। उस दौरान, मैं उसे कई अस्पतालों में ले गया, ताकि यह समझ सकूं कि वह क्यों टूट रहा है। मैं उसे नजफगढ़ में एक आयुर्वेद केंद्र में भी ले गया। वीडियो देखने और समाचार पढ़ने से मुझे जो भी जानकारी मिली, मैंने हर संभव कोशिश की।"

पिछले बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान जिस तरह चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया की बॉडीलाइन गेंदबाजी का सामना किया। हनुमा विहारी ने हैमस्ट्रिंग इंजरी के साथ बैटिंग की। आर अश्विन ने कमर में चोट के बावजूद सिडनी टेस्ट बचाया, इससे हर्षित को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने शानदार कमबैक किया। 

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