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kl rahul India vs Bangladesh test: केएल राहुल को बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में सरफराज खान पर तरजीह दी गई। लेकिन, वो मिले मौके को भुना नहीं पाए और 16 रन पर आउट हो गए। इसके बाद उनकी टेस्ट टीम में जगह पर सवाल उठ रहे।

kl rahul India vs Bangladesh test: भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई में खेले जा रहे टेस्ट के पहले दिन जल्दी आउट होने के बाद से केएल राहुल की भारतीय टेस्ट टीम में जगह को लेकर सवाल उठ रहे। जब भारत को पहली पारी में एक सीनियर बल्लेबाज की जरूरत थी, तब राहुल जल्दी आउट हो गए। उन्होंने 16 रन बनाए। 

केएल राहुल को जाकिर हसन ने शॉर्ट लेग पर कैच किया और मेहदी हसन को दिन का पहला विकेट मिला। राहुल ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, उसे लेकर फैंस सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने 16 रन बनाने के लिए 52 गेंद खेली। राहुल स्ट्राइक रोटेट में नाकाम रहे। यशस्वी जायसवाल के साथ 48 रन की साझेदारी के दौरान स्ट्राइक रोटेट करने में विफल रहे,जिन्होंने अपना पांचवां अर्धशतक जमाया। 

भारत ने दूसरे सत्र की शुरुआत में ही ऋषभ पंत का विकेट खो दिया और केएल राहुल ने बांग्लादेश के गेंदबाजों पर दबाव बनाने के बजाय टिके रहने की कोशिश की, जिससे स्कोरिंग दर में गिरावट आई। राहुल ने मेहदी को परेशान करने की कोशिश नहीं की। इससे दूसरे छोर पर यशस्वी पर दबाव बढ़ा और वो भी आउट हो गए। 

भारतीय टीम प्रबंधन द्वारा सरफराज खान की जगह केएल राहुल को चुनने के फैसले पर फैंस ने मायूसी जताई है। सरफराज ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू किया था और मिडिल ऑर्डर में काफी प्रभावित किया था। चोटिल होने की वजह से केएल राहुल उस सीरीज के पहले टेस्ट के बाद नहीं खेले थे। लेकिन, रेड बॉल क्रिकेट में वापसी होते ही केएल राहुल को सरफराज पर तरजीह दी गई। 

सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में तीन टेस्ट मैचों में 200 रन बनाए। मुंबई के इस बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाने के बाद टीम में जगह बनाई, उन्होंने अपना स्वाभाविक खेल दिखाया और साल की शुरुआत में स्पिनरों के खिलाफ प्रभावी प्रदर्शन किया। 16 सदस्यीय टीम में चुने जाने के बावजूद सरफराज को चेन्नई टेस्ट में बेंच पर बैठना पड़ा।

केएल राहुल इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले गए एकमात्र टेस्ट में अच्छी फॉर्म में दिखे, उन्होंने हैदराबाद में 86 और 22 रन बनाए थे। हालांकि, राहुल लगातार भारत के लिए मुश्किल परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं। 50 टेस्ट मैच खेलने के बाद उनका औसत 35 से भी कम है।

भारत के पास मध्यक्रम में ध्रुव जुरेल को खिलाने का विकल्प भी था। लेकिन टीम प्रबंधन ने मध्यक्रम की भूमिका के लिए वरिष्ठ खिलाड़ी का समर्थन किया।भारत टी ब्रेक के समय मुश्किल में था। भारत के 6 विकेट गिर चुके थे। 

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