Gautam gambhir: पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बाद भारतीय कोच गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए उन्हें 'पाखंडी' करार दिया और कहा कि वह जो कहते हैं, वैसा नहीं करते।
मनोज तिवारी ने कहा, 'गौतम गंभीर पाखंडी हैं। वह जो कहते हैं, वैसा नहीं करते। कप्तान (रोहित) कहां से हैं? मुंबई से हैं। अभिषेक नायर कहां से हैं? मुंबई से हैं। उन्हें मुंबई के खिलाड़ी को आगे लाने का मौका मिला। जलज सक्सेना के लिए बोलने वाला कोई नहीं है। वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन चुप रहते हैं। मोर्ने मोर्कल लखनऊ सुपर जायंट्स से आए थे। अभिषेक नायर गंभीर के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स में थे और भारतीय हेड कोच उनके साथ सहज हैं। उन्हें कोच की हां में हां मिलानी चाहिए। इसलिए उन्हें लाया गया है।'
मनोज तिवारी ने ये भी कहा कि 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स को खिताब दिलाने वाले गंभीर अकेले नहीं थे, बल्कि यह टीम का सामूहिक प्रयास था। मनोज ने कहा, 'गंभीर की कप्तानी ने अकेले केकेआर को खिताब नहीं दिलाया। हम सभी ने एक यूनिट के रूप में प्रदर्शन किया। जैक कैलिस, मनविंदर बिस्ला और मैंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया और सुनील नरेन ने बेहतरीन गेंदबाजी की। यही कारण है कि हमने पहला आईपीएल खिताब जीता। लेकिन इसका श्रेय किसने लिया? ऐसा माहौल और पीआर है जो उन्हें सारा श्रेय लेने की अनुमति देता है।' मनोज तिवारी 2012, 2014 में खिताब जीतने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा थे। तब गंभीर टीम के कप्तान थे।
भारत के 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया से बिग बैश लीग (बीजीटी) हारने के बाद गंभीर पर काफी दबाव है और कई विशेषज्ञों ने कोच के रूप में उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाए हैं। ऑस्ट्रेलिया से 3-1 से टेस्ट सीरीज गंवाने से पहले भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से 3-0 से पराजय झेलनी पड़ी थी और श्रीलंका के खिलाफ भी एकदिवसीय श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा था।