Mohammed Shami: भारतीय क्रिकेट में इस वक्त सबसे बड़ा रहस्य, रोहित शर्मा और विराट कोहली का भविष्य नहीं, बल्कि मोहम्मद शमी की वापसी है। शमी को इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी20 की सीरीज के लिए भारतीय स्क्वॉड में तो शामिल किया गया। लेकिन, वो न तो कोलकाता और न ही चेन्नई टी20 में खेले। इसके बाद से ही उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाईं जा रहीं। ये सवाल उठ रहा कि क्या मोहम्मद शमी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं। क्या वो टीम की योजना में फिट नहीं हैं?
इन सभी सवालों का जवाब ना है क्योंकि शमी 100 फीसदी फिट हैं और खेलने के लिए तैयार हैं। लेकिन, उन्हें किसी खास वजह से अभी मैदान में उतारा नहीं जा रहा। जसप्रीत बुमराह चोटिल हैं और चैंपियंस ट्रॉफी में वो खेल पाएंगे या नहीं, ये तय नहीं है। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट शमी को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बचाकर रखना चाहता है। शमी ने मैच फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है, उससे सभी प्रभावित हैं, लेकिन वर्तमान में, भारतीय टीम में उनकी भूमिका दीर्घकालिक है।
इसलिए, टीम इंडिया शमी का समझदारी से इस्तेमाल करना चाहती है। भारतीय टीम मैनेजमेंट ये चाहता है कि ज्यादा खेलने के चक्कर में शमी का हाल भी कहीं बुमराह जैसा न हो जाए और वो भी टूट न जाएं। भारत के इस तेज गेंदबाज को टी20 में बहुत सीमित भूमिका निभाने के लिए तैयार किया गया है, शायद कोई भूमिका ही न हो। हालांकि, एक बार जब वनडे शुरू हो जाए, तो शमी से पूरी ताकत से खेलने की उम्मीद है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शमी ने चोट से पहले जो वजन बढ़ाया था, उससे 2 किलो कम कर लिया है। वह पूरी ताकत से गेंदबाजी कर रहे हैं। टी-20 मैचों में उनकी उतनी जरूरत नहीं है। लेकिन वनडे मैचों के शुरू होने के बाद वह पूरी तरह फिट हो जाएंगे।
इस आधार पर ये भी साफ लग रहा कि शमी राजकोट में तीसरे टी20 मैच से भी बाहर रहेंगे। शमी ने 2023 विश्व कप फाइनल के बाद से एक साल से ज़्यादा समय से भारत के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। उनके टखने की चोट, उसे ठीक करने के लिए ज़रूरी सर्जरी और पुनर्वास में उम्मीद से ज़्यादा समय लगा है।