IND vs NZ: बेंगलुरू टेस्ट में भारत को न्यूजीलैंड से 8 विकेट की करारी हार का सामना करना पड़ा। भारत की हार के कईं कारण गिनाए जा रहे हैं। क्रिकेट एक्सपर्ट्स बल्लेबाजों का हार का दोषी बता रहे हैं। पहली पारी में खराब बैटिंग के चलते टीम इंडिया मुकाबले से लगभग बाहर हो गई थी। दूसरी पारी में 462 स्कोर करने के बाद भी उसकी भरपाई नहीं हो पाई।
इधर, एक वर्ग तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की खराब गेंदबाजी की भी आलोचना कर रहा है। वह पहली पारी में महंगे साबित हुए हालांकि उन्हें 2 विकेट मिले। जबकि दूसरी पारी में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। तेज गेंदबाजी में सिराज, जसप्रीत बुमराह के जोड़ीदार रहे, लेकिन वह टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। मोहम्मद सिराज को आकाशदीप की जगह पर तरजीह दी गई थी।
मोहम्मद सिराज का घरेलू रिकॉर्ड
मोहम्मद सिराज का घरेलू रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। सिराज भारत में 13 टेस्ट खेलकर 36.15 की औसत से 19 विकेट ही ले पाएं हैं। पूर्व सेलेक्टर सबा करीम का मानना है कि टीम इंडिया को उनका विकल्प तलाशने की जरूरत है। करीम को लगता है कि हाल ही में घरेलू क्रिकेट अच्छा प्रदर्शन करने वाले आकाश दीप अच्छा विकल्प हो सकते हैं। आकाश दीप को जब-जब राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया, तब-तब उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
सबा करीम के मुताबिक पुणे में होने वाले दूसरे टेस्ट में मोहम्मद सिराज की जगह आकाशदीप को मौका मिल सकता है। क्योंकि टेस्ट मैच में एक फ्रंट-लाइन सीम गेंदबाज के रूप में आपसे नई गेंद से विकेट लेने और दूसरी नई गेंद से भी अच्छी गेंदबाजी करने की उम्मीद की जाती है। मुझे नहीं लगता कि उस हद तक सिराज ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके विपरीत आकाश दीप शुरुआत में ही विकेट ले रहे हैं। उन्हें भारतीय परिस्थितियों की पिचों पर गेंदबाजी करने का अच्छा अनुभव है। वह बंगाल के लिए कई सालों से खेलते आ रहे हैं। सबा करीम के मुताबिक, आप टीम में ऐसे गेंदबाज को रखना चाहोगे, जो ऐसी बेजान पिचों पर गेंदबाजी करने का अनुभव रखता हो।
माइक हसन ने आकाशदीप को चुना
पूर्व RCB कोच माइक हेसन ने मोहम्मद सिराज और आकाश दीप दोनों के साथ काम किया है। हेसन को लगता है कि भारतीय प्रबंधन दूसरे टेस्ट के लिए आकाश दीप को XI में लाने पर विचार करेगा। आकाश दीप तेजी से रन बनाता है और उसके पास विकेट लेने की क्षमता है। हेसन ने आगे कहा- आकाशदीप के पास तेजी है, उनकी बॉल तेजी से बल्ले पर आती है वो बल्लेबाज को सोचने का मौका नहीं देते हैं। उनके खिलाफ शुरुआत में स्ट्रोक मेकिंग बहुत मुश्किल होती है।