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Ravichandran Ashwin retirement: आर अश्विन के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में संन्यास के बाद से ही ये खबरें लगातार आ रही हैं कि ये तो बस शुरुआत है। आगे रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भी संन्यास ले लें तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। नए साल में भारतीय क्रिकेट में बदलाव हो सकता है।

Ravichandran Ashwin retirement: ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के बीच अचानक संन्यास लेकर सबको चौंका दिया। ब्रिसबेन टेस्ट खत्म होते ही अश्विन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा के साथ आए और करीब 90 सेकेंड में अपने संन्यास का ऐलान कर चलते बने। अब फैंस के जहन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर अश्विन ने अचानक क्यों संन्यास लिया, क्या उनपर दबाव था।  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अश्विन का संन्यास तो बस शुरुआत है। जल्द ही भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ सकता है और आने वाले दिनों में रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे कई और सीनियर खिलाड़ी संन्यास का ऐलान करें तो किसी को चौंकना नहीं चाहिए। 

माना जा रहा है कि भारतीय क्रिकेट अब बड़े बदलाव से गुजरने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड दौरे से इसकी शुरुआत की संभावना है। ऑस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी इस साल भारत की आखिरी रेड-बॉल सीरीज है और यह भारत की "ओजी पीढ़ी" के लिए आखिरी सीरीज हो सकती है, जैसा कि अश्विन ने गुरुवार (18 दिसंबर) को ब्रिस्बेन के गाबा में अपने रिटायरमेंट की घोषणा के दौरान बताया था।

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अश्विन के बाद रोहित-विराट का नंबर?
अश्विन विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के साथ उन क्रिकेटरों के समूह का हिस्सा थे, जिन्हें 2012 और 2013 के बीच इसी तरह के बदलाव से गुज़रने के बाद टीम इंडिया का मूल हिस्सा बनाया गया था। तब राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण एक-एककर भारतीय टीम से बाहर हो गए थे। यह बात कई लोगों को हैरान कर सकती है कि जब अगला बदलाव शुरू होगा तो अश्विन उनमें से सबसे पहले रिटायर होंगे।

भारतीय क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजरेगा
कप्तान रोहित भले ही बार-बार सभी को यह याद दिलाने की कोशिश करें कि जो भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है उसके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुले हैं लेकिन यह पहले से तय था कि टीम इंडिया पुजारा और रहाणे से आगे बढ़ चुकी है। सवाल ये है कि क्या टीम मैनेजमेंट ने अश्विन को भी संकेत दे दिया था? मीडिया में इस बारे में विरोधाभासी रिपोर्ट चल रही कि अश्विन के संन्यास लेने की वजह क्या थी।

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अश्विन को नजरअंदाज किया गया था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स को अश्विन के संन्यास की घोषणा से पहले ही संबंधित लोगों को इसकी जानकारी दे दी गई थी। हालांकि, समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि यह चयन समिति और बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के लिए हैरानी की बात थी।

क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, 'यह निर्णय कितना योजनाबद्ध, स्वैच्छिक था, ये तय करना मुश्किल है लेकिन भारतीय टीम में जल्द ही बदलाव होने की उम्मीद है- संभवतः 2025 की गर्मियों में इंग्लैंड में उनकी अगली टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत तक... यह असंभव है कि कोई भी खुले तौर पर स्वीकार करेगा कि यह एक संकेत था, लेकिन ये पक्के तौर पर धारणा बन चुकी है कि अश्विन का संन्यास शुरुआत है।

आगे और बड़े क्रिकेटरों की भारतीय टीम से विदाई होगी- ठीक उसी तरह जैसे 2008 में हुआ था, जब कई वरिष्ठ खिलाड़ी जल्दी-जल्दी रिटायर हो गए थे। संकेत, चाहे सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए हों, बदलाव के लिए मंच तैयार करते हुए भेजे गए दिख रहे।'

अगली WTC Cycle में टेस्ट में नया कप्तान होगा?
सेलेक्टर्स की तरफ से अश्विन को संन्यास को लेकर सीधे तौर पर कोई संकेत नहीं मिला था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में उनके खराब प्रदर्शन के बाद ड्रेसिंग रूम में चर्चाएं होने लगी थीं। उम्मीद है कि अश्विन को धीमी गति से हो रहे बदलावों के बारे में पता होगा। सबसे बड़ा संकेत तब मिला जब 675 विकेट के साथ देश के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज को पर्थ टेस्ट के लिए नजरअंदाज किया गया।

अश्विन को पहले भी रवींद्र जडेजा की वजह से बेंच पर बैठाया गया है। दरअसल, पिछले पांच या 5 सालों से विदेशी टेस्ट में यह आम बात थी, लेकिन वह कभी भी किसी दूसरे ऑफ स्पिनर के आगे "दूसरे नंबर पर" नहीं आए। पर्थ में अश्विन और जडेजा दोनों से आगे वॉशिंगटन सुंदर को चुनने का भारत का फैसला रुख में बदलाव का सबसे बड़ा संदेश माना जा रहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अश्विन के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब, कहां और क्या संदेश दिया गया था। देश का लंबे वक्त तक प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी के लिए पर्थ टेस्ट के लिए वाशिंगटन सुंदर को नजरअंदाज किया जाना आसान बात नहीं रही होगी। और ध्यान रहे, टीम में बचे अन्य सीनियर खिलाड़ियों के लिए भी अब आगे हालात कुछ अलग नहीं होंगे।

ब्रिसबेन में ड्रॉ टेस्ट के बाद यह कहना सुरक्षित है कि भारत के WTC फाइनल में पहुंचने की संभावना और कम हो गई है। अगले चक्र में, जो इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ से शुरू होगा, किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर बैटन को एक नए कप्तान को सौंप दिया जाए।

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