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Paris Olympic 2024: पेरिस ओलिंपिक की शुरुआत हो चुकी है। भारत रेसलिंग समेत 16 खेलों में हिस्सा लेगा। रेसलिंग में भारत ने 7 मेडल जीते हैं, लेकिन इस खेल में भारत को पहला मेडल दिलाने वाले रेसलर की कहानी शायद उतनी फेमस न हो सकी।

Paris Olympic 2024: ग्रीको-रोमन रेसलिंग 1896 से ही ओलंपिक खेलों का हिस्सा रही है, जबकि फ्रीस्टाइल रेसलिंग ने 1904 में अपनी शुरुआत की। भारत ने 1920 से ओलंपिक में रेसलिंग में हिस्सा लेना शुरू किया, लेकिन पदक जीतने में सफल नहीं रहा।

खशाबा दादासाहेब जाधव भारत के लिए ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत पदक जीतने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। लेकिन उनके इस सफर में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

कॉलेज टीम में नहीं मिली जगह, राजा से मिला समर्थन
10 साल की उम्र से ही जाधव ने अपने पिता के साथ कुश्ती शुरू कर दी थी। लेकिन उनकी कहानी तब शुरू होती है जब उन्होंने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित राजा राम कॉलेज में कुश्ती टीम में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उनकी छोटी कद काठी के कारण उन्हें टीम में शामिल होने से मना कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और कॉलेज के प्रिंसिपल से सीधे गुहार लगाई। प्रिंसिपल ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें टीम में शामिल कर लिया।

कॉलेज में कुश्ती के दौरान कोल्हापुर के महाराजा की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने जाधव की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए। 1948 लंदन ओलंपिक में जाधव के दौरे का पूरा खर्च उन्होंने उठाया।

1952 हेलसिंकी ओलंपिक में मिली सफलता 
लंदन ओलंपिक में असफलता के बाद जाधव ने अपनी मेहनत और लगन को और बढ़ा दिया। 1952 हेलसिंकी ओलंपिक के लिए टीम में जगह बनाने के लिए उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया। उन्हें फंडिंग जुटाने में भी काफी मुश्किलें आईं। अंततः उन्होंने अपने कॉलेज के प्रिंसिपल की मदद से फंड जुटाया और ओलंपिक के लिए रवाना हुए।

हेलसिंकी ओलंपिक में जाधव ने कनाडा और मेक्सिको के शीर्ष पहलवानों को हराया। हालांकि, सेमीफाइनल में वह हार गए और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

स्वागत में पहुंची 100 बैलगाड़ियां
जब जाधव देश लौटे तो उनका स्वागत भव्य तरीके से किया गया। सैकड़ों बैलगाड़ियों के साथ लोगों ने उनका स्वागत किया। जाधव की इस जीत ने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया।

भारत का ओलंपिक में रेसलिंग में प्रदर्शन
आजाद भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बनकर खशाबा दादासाहेब जाधव ने भारतीय खेलों में एक नया अध्याय जोड़ा। भारत ने 2008 से लगातार चार ओलंपिक में रेसलिंग में पदक जीते हैं। देश को अब तक रेसलिंग में दो रजत और पांच कांस्य पदक मिले हैं।

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