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India vs South Africa Test : KL Rahul ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट में शतक लगाने के बाद अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है।

नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट में केएल राहुल ने शतक जमाया। इसके बाद से ही हर कोई उनकी तारीफ कर रहा। भारत ने इस टेस्ट की पहली पारी में 245 रन बनाए थे। इसमें से अकेले 101 रन तो राहुल ने ही ठोके थे। उन्होंने छक्के से अपना शतक पूरा किया था।

केएल राहुल की इस पारी के बाद सोशल मीडिया पर फैंस उनकी जमकर तारीफ कर रहे। लेकिन, कुछ महीने पहले जब वो फिटनेस की वजह से टीम से बाहर थे तो उनकी लगातार आलोचना हो रही थी। ट्रोल्स ने तो उन्हें टीम इंडिया से बाहर तक करने की मांग रख दी थी। हालांकि, अब केएल राहुल ने शतक जड़कर सभी ट्रोल्स की बोलती बंद कर दी। 

केएल राहुल ने सेंचुरियन टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल खोलकर बात की। राहुल ने कहा, "जो लोग आज उनकी तारीफ कर रहे, वही कुछ महीने पहले उन्हें गाली दे रहे थे। अगर कोई ये कहता है कि उसे सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना से फर्क नहीं पड़ता तो वो झूठ बोल रहा। हां, एक बात ये जरूर है कि अगर आप सोशल मीडिया से दूर रहेंगे तो आपका माइंडसेट ठीक रहेगा।"

मुझे भी आलोचनाओं ने प्रभावित किया: केएल राहुल
राहुल ने अपने बारे में कही गई बातों से निपटने को लेकर कहा, "जाहिर तौर पर यह मुश्किल है। आपका अपना व्यक्तित्व, विशेषताएं हैं। जब आप इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं तो उन सभी को चुनौती मिलती है। एक इंसान के रूप में, एक क्रिकेटर के रूप में, एक व्यक्ति के रूप में, आपको हर दिन, हर पल चुनौती मिलती है। सोशल मीडिया एक दबाव है। आज मैंने शतक बनाया है तो लोग तारीफ कर रहे। तीन-चार महीने पहले हर कोई मुझे गालियां दे रहा था। यह खेल का हिस्सा है लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि यह आपको प्रभावित नहीं करता। जितनी जल्दी आपको एहसास होगा कि इससे दूर रहना आपके खेल और आपकी मानसिकता के लिए अच्छा है, उतना ही बेहतर होगा।"

'टीम से बाहर रहने पर मैंने खुद पर काम किया'
राहुल ने जोर देकर कहा कि अपने रूटीन को फॉलो करना और सोशल मीडिया का कितना इस्तेमाल करना है, ये लक्ष्मणरेखा खींचनी होगी। उन्होंने कहा कि जब वह चोट से जूझ रहे थे तब उन्होंने खुद पर काम किया, तब भी जब बाहरी दबाव से निपटना मुश्किल था। मैंने उस व्यक्ति के पास वापस जाने की कोशिश की जो मैं हूं, और इस पर काम किया कि मैं इन चीजों से प्रभावित होकर खुद को कैसे नहीं बदलूं। इतना कुछ होने के बावजूद अपने लिए सच्चा और अपने व्यक्तित्व के प्रति ईमानदार रहना कठिन है।

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