नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने 'आर्मबैंड विवाद' मामले में अपील की थी, जिसे ICC ने खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ पर्थ टेस्ट के दौरान उस्मान काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे थे। हालांकि, ICC ने नियमों के उल्लंघन के चलते उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। खुद पर लगे बैन के खिलाफ उन्होंने अपील की थी, जिसे रविवार को ICC ने खारिज कर दिया।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट में इस मामले की पुष्टि की गई है। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान मैदान पर काली पट्टी पहनने के लिए उस्मान ख्वाजा को आईसीसी ने फटकार लगाई थी। आईसीसी ने उनके खिलाफ प्रतिबंध हटाने की अपील को खारिज कर दिया है।
ख्वाजा ने किया था ICC के नियमों का उल्लंघन
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद किसी भी तरह के राजनीतिक, धार्मिक और नस्लवादी संदेश का समर्थन नहीं करती है जबकि ख्वाजा ऐसा करते हुए पाए गए थे। इसकी सजा ख्वाजा को झेलनी पड़ रही है। वहीं जब उन्होंने खुद पर लगे बैन को हटाने की अपील की तो उन्हें ICC ने आईना दिखा दिया।
उस्मान ने कही थी चुनौती देने की बात
उस्मान ने आईसीसी के बैन के फैसले को चुनौती देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि मैं आईसीसी और उसके नियमों का सम्मान करता हूं। मैं इस फैसले को चुनौती दूंगा। जूतों का मसला अलग था। मुझे वह कह कर अच्छा लगा लेकिन आर्मबैंड को लेकर फटकार का कोई मतलब नहीं है।
पहले जूते पर भी हुआ था विवाद
पट्टी बांधकर मैदान पर उतरने से पहले उस्मान ख्वाजा अपने जूतों को लेकर भी चर्चा में रहे थे। दरअसल पर्थ टेस्ट की शुरुआत से पहले अभ्यास सत्र के दौरान उस्मान के जूते पर ‘आल लाइव्स आर इकवल’ और ‘फ्रीडम इज ह्यूमन राइट’ लिखा हुआ था। यह मामला भी काफी चर्चाओं में रहा था.