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दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को अपने अवॉर्ड लौटा दिए। उन्होंने PMO के बाहर अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार रख दिए और वापस लौट गईं। उन्होंने चार दिन पहले PM Modi को चिट्ठी लिखकर अवॉर्ड लाैटाने का ऐलान किया था।

Vinesh Phogat Returns Awards: बजरंग पुनिया के बाद दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को अपने अवॉर्ड लौटा दिए। वह प्रधानमंत्री कार्यालय अपने पुरस्कार लेकर लौटाने पहुंची। हालांकि, बाहर तैनात सुरक्षाबलों ने विनेश को रोक लिया। इसके बाद विनेश फोगाट ने इसके बाहर ही अवॉर्ड रख दिए।  हालांकि वहां मौजूद सुरक्षाबलों ने उन्हें ऐसा करने से रोका लेकिन वह नहीं मानी। विनेश फोगाट ने कर्तव्य पथ ही अपने सभी अवॉर्ड रख दिए। इसके बाद वह हाथ जोड़ते हुए वहां से निकल गईं।  उन्होंने दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। 

पुरस्कार लौटाने वाली तीसरी भारतीय रेसलर

महिला पहलवान विनेश फोगाट ने बीते मंगलवार को प्रतिष्ठित खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। विनेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी थी। पहलवानों का यह विरोध रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में हैं। विनेश फोगाट देश की तीसरी ऐसी पहलवान हैं जिन्होंने अपना अवॉर्ड लौटाया है।

प्रधानमंत्री को लिखी थी भावुक चिट्ठी 
विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री मोदी को भावुक चिट्ठी लिखी थी। फोगाट ने इसमें सवाल किया कि क्या महिला पहलवान सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में दिखाए जाने के लिए हैं। जब पहलवानों ने मेडल जीता तो उन्हें देश का गौरव बताया गया। जब महिला पहलवानों ने अपनी गरिमा के लिए आवाज उठाई तो उन्हें धोखेबाज बताया गया। उन्होंने चिट्ठी में प्रधानमंत्री से पूछा- आप ही बताइए क्या हम सही में धोखेबाज हैं। 

बजरंग पूनिया लौटा चुके हैं अवॉर्ड 
इससे पहले पहलवान  गूंगा पहलावन और बजरंग पूनिया ने अपना अवॉर्ड लौटाने का ऐलान कर चुके हैं। रेसलर बजरंग पूनिया तो अपना अवॉर्ड लौटा चुके हैं। उन्होंने 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर के बाहर अपना पुरस्कार छोड़ दिया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनसे बार-बार ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया, लेकिन वह नहीं माने। ठीक इसी तरह शनिवार को विनेश फोगाट ने भी अपने पुरस्कार PMO कार्यालय के बाहर छोड़ दिए। 

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