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बिहार के गया में आर्मी का माइक्रो एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हो गया। दो पायलट के साथ एयरक्राफ्ट ने रूटीन ट्रेनिंग के लिए ओटीए से उड़ान भरी। इंजन में अचानक खराबी आने की कारण पंखा चलना बंद हो गया और एयरक्राफ्ट गेहूं के खेत में जाकर गिरा।

पटना। गया में मंगलवार को सेना का माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट क्रैश होकर गेहूं के खेत में गिर गया। एयरक्राफ्ट में बैठे दोनों पायलट (महिला-पुरुष) को गांव वालों ने बाहर निकाला। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के कारण एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ। हादसा बोधगया थाना क्षेत्र के बगदाहा गांव के कंचनपुर में हुआ। ग्रामीणें का कहना है कि हादसा अगर गांव के अंदर होता तो बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था। हादसे वाली जगह पर चार गांव की सीमा है।

घटना के बाद मच गई अफरा-तफरी 
जानकारी के मुताबिक, गया ओटीए से रूटीन ट्रेनिंग के दौरान एयरक्राफ्ट उड़ा था, लेकिन अचानक एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई। पंखा चलना बंद हो गया और वह अनियंत्रित होकर गेहूं के खेत में जा गिरा। घटना के बाद ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई है। ग्रामीणों ने दोनों पायलटों को एयरक्राफ्ट से बाहर निकाला।

इसलिए जान-माल का खतरा नहीं 
एयरक्राफ्ट को सेना के अधिकारी ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं। एयरक्राफ्ट की डिजाइन इस तरीके से की जाती है कि किसी तरह की अनहोनी की स्थिति में जान माल का नुकसान नहीं न सके। माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट से बाहर निकलने के बाद दोनों पायलट ने इसकी सूचना ओटीए ऑफिस को भी दी। इसके बाद प्रशिक्षण अकादमी के पदाधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

पिछले साल भी हुई थी ऐसी घटना
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल जनवरी में इसी गांव में आर्मी का एयरक्राफ्ट गिर गया था। उस समय भी दो पायलट सवार थे। दोनों को विमान से सुरक्षित निकाला गया था। गया प्रशिक्षण अकादमी के पदाधिकारी ने बताया कि बोधगया के बगदाहा में माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट इमरजेंसी लैंडिंग की गई है। उसमें तकनीकी खराबी आ गई थी। जिस कारण अचानक खेत में उतरना पड़ा है। दो लोग सवार थे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।  

यह एयरक्रॉफ्ट 200 से 400 की ऊंचाई तक उड़ता है 
बता दें कि माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट दो सीटों और सिंगल इंजन वाला हल्का विमान होता है, जिसे ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। गया में ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी है, जहां एयरक्राफ्ट से जुड़ी ट्रेनिंग आर्मी के जवानों को दी जाती है। यह एयरक्रॉफ्ट 200 से 400 की ऊंचाई तक उड़ता है।  

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