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छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले मशरुम पर शोध किया है। उन्होंने खाने योग्य 28  प्रकार की प्राकृतिक मशरूम की पहचान की है। 

रायपुर। बारिश का मौसम शुरू होते ही सब्जी बाजार में विभिन्न तरह के मशरूम पहुंचने लगे हैं। आमतौर पर इसे सेहत के लिए फायदेमंद बताया जाता है, लेकिन बाजार में कुछ जहरीले मशरूम भी बिक रहे हैं, जिसकी पहचान करना लोगों के लिए जरूरी है। बायाटेक कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा ने छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले मशरुम पर शोध किया है। उन्होंने खाने योग्य 28  प्रकार की प्राकृतिक मशरूम की पहचान की है। जबकि बिलाई खुखड़ी, गंजिया खुखड़ी, लकड़ी खुखड़ी और लाल बादर को बेहद जहरीला माना है। इन 4 प्रकार के मशरूम में विषैला एल्केलाइट पाया गया है।

यह बाजारों में आसानी से लोगों को मिल जाता है। जानकारी नहीं होने की वजह से लोग इसका सेवन कर हर साल बीमार हो जाते हैं। हरिभूमि ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला सब्जी मंडियों में मशरूम सरगुजा और झारखंड से अधिक पहुंचता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. शर्मा के मुताबिक पिछले वर्ष सरगुजा क्षेत्र में 46 लोग जहरीलीखुखड़ी खाकर बीमार हुए थे।

शोध के बाद बताया कौन से खाएं और कौन से नहीं

मशरूम से लगातर बीमार होने के बाद प्राकृतिक मशरूम पर वैज्ञानिक ने 5 साल से अधिक शोधकार्य किया है, जिसमें 40 से अधिक मशरूम की लैब जांच में पाया गया कि चिरको, सुगा, छेरकी, भैसा, बांस, भूडू, जाम, दुधिया, चरचरी, कठवा, करीया, तीतावर, पिवरा, झरिया, कुम्हा, क्षरकेनी प्रजाति के मशरूम खाने योग्य है। जबकि बिलाई खुखड़ी, गंजिया खुखड़ी, लकड़ी खुखड़ी, लालबादर, बनपिवरी को सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है। बाजार में इस तरह से मशुरूम आसानी से मिल जाते हैं। शोध रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक मशरूम जो खाने योग्य नहीं होते और जिसके सेवन से उल्टी-दस्त, बेचैनी या बेहोशी आती है, उसका मूल कारण उस मशरूम या खुखड़ी में पाए जाने वाले टॉक्सिन के कारण होते हैं।

मशरूम की छतरी अगर चपटी हो तो खाने से बचें

कृषि व बायोटेक लैब के विज्ञानिक डॉ. प्रशांत कुमार शर्मा ने बताया कि स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले चटक रंग के प्राकृतिक मशरूम जैसे लाल, नीला, पीला, हरा, बैंगनी, नारंगी रंग के मशरूम को खाने में प्रयोग न करें, ये चटक रंग मशरूम में पाए जाने वाले एल्केलाइड्स विष के कारण होते हैं, जो इसमें कम या ज्यादा हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि खुखड़ी में अगर तीखी अमोनिया या सड़ी हुई गंध आ रही हो तो उसे न खाएं, ये जानलेवा हो सकती है। खुखड़ी में अगर कोई चिपचिपा पदार्थ निकल रहा हो या पानी की बूंद निकल रही हो, तो उसका उपयोग खाने में न करे, ये विषैले होते हैं। खुखड़ी में अगर छतरी के पास या तना में रिंग्स बने हो तो उस खुखड़ी का प्रयोग खाने में न करें, ये एल्केलाइड्स की उपस्थिति बतलाती है। खुखड़ी की छतरी अगर चपटी हो, तो उस मशरूम को खाने से बचें, ऐसे मशरूम विषयुक्त होते हैं।

 

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