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शराब घोटाला मामले में ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करते हुए कोर्ट ने रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा समेत 6 आरोपियों को राहत दी है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मामले में ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सोमवार को कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा समेत 6 आरोपियों को बड़ी राहत दे दी है। हालांकि, ED की ओर से कोर्ट में नई शिकायत दर्ज करने की मांग की गई थी। जिसमें कहा गया था कि, जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्री है। इसलिए एजेंसी को नई शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ECIR और FIR देखने से पता चलता है कि, कोई विधेय अपराध (प्रेडिकेट ऑफेंस) नहीं हुआ है। जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिग का मामला ही नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, ईडी की शिकायत आयकर अधिनियम के अपराध पर आधारित थी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की डबल बेंच शुक्रवार को रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य 6 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। जिसके बाद अगली सुनवाई 8 अप्रैल यानी आज हुई, जिसमें डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट बोली- अपराध और उससे आय नहीं तो मनी लॉन्ड्रिंग नहीं

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू से जस्टिस एएस ओका ने कहा कि, अगर कोई अपराध नहीं है और अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकता है। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि, शिकायत पर विचार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह कोई विधेय अपराध नहीं है। जिस पर सालिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ नया विधेय अपराध दर्ज किया गया है, जिसके आधार पर ईडी ने एक ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दायर की जाएगी। ASG ने आगे कहा कि, स्थगन के कारण नहीं शिकायत नहीं दर्ज हो सकी। कोर्ट ने ED को बयान दर्ज करने के लिए कहा है। इसे लेकर ASG ने समय मांगा, जिसके बाद ED को 4 दिन का समय दिया गया है।

टुटेजा पिता-पुत्र के साथ इन्हें मिली राहत 

रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा के साथ करिश्मा ढेबर, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया ने सह याचिकाकर्ता हैं। दरसअल, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि, जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानी ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की।

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