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2012 में गोदाम में पहली बार आग लगी थी, तब से लेकर लगातार बिजली के तार और घास को काटने के लिए विभाग को पत्र लिखा जाता रहा, लेकिन इस तरफ किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। 

रायपुर। गुढ़ियारी के छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी के ट्रांसफार्मर गोदाम में लगी आग को लेकर पॉवर कंपनी की जांच समिति के साथ पुलिस विभाग की भी जांच चल रही है। इस जांच में भंडार गृह के कार्यपालन यंत्री अजय कुमार गुप्ता के बयान से बड़ा खुलासा हुआ है कि 2012 में गोदाम में पहली बार आग लगी थी, तब से लेकर लगातार बिजली के तार और घास को काटने के लिए विभाग को पत्र लिखा जाता रहा, लेकिन इस तरफ किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। एक बार 2021 में भी आग लगी, इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में 5 अप्रैल 2024 को अंततः बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।गोदाम के नए ट्रांसफार्मरों के साथ किसी भी सामान का बीमा भी नहीं कराया गया था। आगजनी की घटना को लेकर पॉवर कंपनी ने छह सदस्यों की जांच समिति बनाई है। यह समिति तो जांच कर ही रही है, साथ ही पुलिस की तरफ से भी जांच हो रही है। जांच के दौरान भंडार गृह के कार्यपालन यंत्री ने अपना लिखित बयान दिया है।

इस बयान में इस बात का खुलासा हुआ है कि गोदाम परिसर में पहली बार पांच मई 2012 और 24 फरवरी 2021 को आग लगी थी। जब पहली बार आग लगी थी, तभी से गोदाम के प्रभारी द्वारा अधीक्षण अभियंता वृत्त एक को 24 मई 2012 को पत्र लिखकर निम्न और उच्च दाव के तारों को केबल में बदलने के लिए पत्र लिखा गया था। इसके बाद कई बार इस बारे में स्मरण पत्र भी लिखे गए, लेकिन किसी अधिकारी ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। 26 फरवरी 2021 के पत्र में बाउंड्रीवाल के चारों तरफ आरसीसी रोड बनाने के साथ चारों तरफ पाइप लाइन डालकर नल कनेक्शन लगाने की भी मांग की गई थी ताकि भविष्य में आग लगे तो उस पर काबू पाने में मदद मिल सके। लेकिन इस सुझाव पर भी ध्यान नहीं दिया गया।

अब हो गया बड़ा नुकसान 

बार-बार पत्र लिखने के बाद भी काम न होने के कारण अब बड़ा हादसा हो गया और नुकसान भी बड़ा हो गया है। आगजनी के समय गोदाम में करीब दो हजार नए और तीन हजार से ज्यादा पुराने ट्रांसफार्मर थे। ज्यादातर नए ट्रांसफार्मर जलकर खाक हो गए हैं। इसी के साथ अन्य सामानों में 24 हजार लीटर के दो आइल टैंक और एक 12 हजार लीटर का आइल टैंक था। 39 हजार लीटर पुराना आइल भी था। और भी बहुत सा सामान था। सामानों की गणना का काम अब तक चल रहा है। सारे सामानों की गणना के बाद मालूम होगा कि कुल कितने का नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक 40 करोड़ के आसपास का नुकसान हुआ है।

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