Logo
गंगालूर क्षेत्र में सक्रिय खूंखार नक्सली कमांडर दिनेश मोडियम के सरेंडर का लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों ने रैली निकालकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और कड़ी से कड़ी से सजा देने की मांग की।  

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक सप्ताह पहले गंगालूर क्षेत्र में सक्रिय खूंखार नक्सली कमांडर दिनेश मोडियम अपनी बच्ची और पत्नी के साथ सरेंडर किया था। लेकिन अब लोग इस नक्सली कमांडर के समर्पण का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को गंगालूर में आयोजित एक रैली के दौरान ग्रामीणों ने नक्सली कमांडर दिनेश के आत्मसमर्पण का विरोध करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। 

ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों का कहना है कि, दिनेश मोडियम ने 200 से अधिक हत्याओं को अंजाम दिया है और कई घरों को बेघर किया है। कई ग्रामीणों को उसने गांव से बेदखल किया है। जिसके चलते क्षेत्र के करीब 152 गांव आज भी पिछड़े हुए हैं। दिनेश के द्वारा नक्सल संगठन में रहने के दौरान हथियार के बल पर बेरोजगार युवाओं के अलावा पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ रोजगार के लिए जाने वाले मजदूरों को महिलाओं को और बच्चों तक की हत्या किया गया है। इसलिए ऐसे खूंखार नक्सली कमांडर को आत्मसमर्पण कराकर उसे पुनर्वास नीति का लाभ देने के बजाय उसे फांसी दिया जाना चाहिए। अगर सरकार ग्रामीणों की मांग पूरा नही करती है तो मजबूरन जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। 

पूर्व सरपंच ने बताई दिनेश की सच्चाई 

गंगालूर के पूर्व सरपंच राजू कलमू बताते हैं कि वर्ष 2005 से लेकर पुलिस के पास जाने तक दिनेश हथियार के दम पर इस इलाके में वाहनों से लेकर ठेकेदारों तक से पैसों की वसूली करता था। जो भी उसके खिलाफ बोलता था उसकी हत्या कर दी जाती थी। उसके द्वारा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। जवानों पर हमला किया गया और जनता से वसूले गए पैसों को लेकर वह अब पुलिस के पास समर्पण करने पहुंचा है। इसलिए ऐसे नक्सली नेता को कहीं से भी सरकार के द्वारा माफ नहीं किया जाना चाहिए और उसके द्वारा अब तक किए गए अपराधों को लेकर एफआईआर दर्ज करा कर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। 

200 से ज्यादा लोगों की करायी हत्याएं 

वहीं कमकानार के पूर्व सरपंच प्रवीण उइका का कहना है कि, इस इलाके में 152 गांव है, जहां पर खूंखार नक्सली कमांडर दिनेश का खौफ था। जिसके नाम से लोग दहशत में जीते थे। उसके द्वारा किसी को नहीं बक्शा गया बेकसूर और निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की गई ग्रामीणों को गांव से बेदखल किया गया।मुखबिरी के नाम पर 200 से ज्यादा हत्याएं की गई. इसलिए ऐसे व्यक्ति को समर्पण का लाभ देने के बजे फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

5379487