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तीन ग्रामीण महिलाओं की मृत्यु का कारण अलग-अलग है। जांच रिपोट मिलने के बाद कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे बताया कि...

संजय यादव/कवर्धा- कबीरधाम जिले में स्थित बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पास ग्राम सरेंडा में रहने वाले तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण दूषित जल-पीना या डायरिया नहीं है। तीन ग्रामीण महिलाओं की मृत्यु का कारण अलग-अलग है। इनमें से एक ग्रामीण महिला की मृत्यु डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुई है। इस मामले में कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को कलेक्टर को अपनी जांच रिपोर्ट दी है। 

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे को बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु होने की सूचना मिली थी। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव का अवलोकन किया था और पीड़ित परिवारों से चर्चा की थी। कलेक्टर ने तीन ग्रामीणों की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए कार्यपालन अभियंता पीएचई, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बोडला और मुख्य चिकित्सा के साथ स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। 

मृतक महिला को लकवा था 

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि, सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु की सूचना मिलने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि, मृतक पनकिन बाई 75 वर्ष की थी और वह सरेंडा की रहने वाली थी। पिछले कुछ सालों से लकवा से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरे-धीरे शारीरिक कमजेरी बढ़ने के कारण 14 जुलाई को दोपहर को उनकी घर पर ही मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी यानी उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था। 

20 दिनों से खाना नहीं खा पा रही थी 

मृतक सोमबाई 70 साल की थी। पिछले दो सालों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। ग्रामीणों के मुताबिक, 17 जुलाई को दोपहर 3 बजे उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी जैसे उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था। 

6 महीने की गर्भवती महिला की मौत 

मृतक अनिता बैगा 29 साल की थी और वह 6 महीने की गर्भवती थी। उन्हें उल्टी-दस्त बुखार और रक्त स्त्राव की समस्या थी। इसलिए 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उसी दिन उन्हें जिला अस्पताल कवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण डॉ. भींमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में भर्ती किया गया। उपचार के दौरान 17 जुलाई को उनकी मृत्यु हो गई। उनके मृत्यु का कारण डायरिया या उल्टी दस्त नहीं हैं। उनकी मृत्यु का कारण सेप्टीक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरि विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी बताया गया है।  

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने क्या बताया 

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि, ग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 14 जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी महिला-पुरूष और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। यह परीक्षण आगे भी चलता रहेगा। स्वास्थ्य परीक्षण में ग्रामीणों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर दवाई दी जा रही है। सरेंडा गांव और आसपास के सभी क्षेत्रों में बोडला एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओ द्वारा लगातार दौरा किया जा रहा है। 

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