अंगेश हिरवानी-नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के ग्राम उमरगांव मेे गोंडी कोयापुनेम धर्म दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन 24 से 28 मार्च तक चला। इस आयोजन में धर्माचार्य शंकर शाह इरपाची निवासी सिवनी (मप्र) के द्वारा प्रकृति में जीव जगत की उत्पत्ति सहित आदिवासियों की पुरातन संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर आदिवासी युवक-युवतियों ने पारंपरिक नृत्य रेला पाटा प्रस्तुत कर जमकर नाचे गाएं।
धमतरी जिले के ग्राम उमरगांव में गोंडी कोयापुनेम धर्म दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन 24 से 28 मार्च तक चला. @DhamtariDist #Chhattisgarh pic.twitter.com/7H58i6KPyL
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) March 29, 2025
आदिवासी समाज के प्रमुखों ने कहा कि, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी भाईयों को अपने परम्परा और संस्कृति के प्रति जागरूक करना। साथ ही अपनी परंपराओं को आने वाली पीढ़ी को अवगत कराकर आदिवासी संस्कृति को अक्षुण बनाए रखना है। इस प्रकार के आयोजन से आदिवासी समाज में एकता भाईचारे की भावना जागृत होती है। संस्कृति और परंपराओं को जानने व समझने का अवसर मिलता है।
आदिवासी समाज के प्रमुखों ने कहा कि, गोंडी कोयापुनेम धर्म दर्शन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैं। आदिवासी भाईयों को अपने परम्परा और संस्कृति के प्रति जागरूक करना। @DhamtariDist #Chhattisgarh pic.twitter.com/hVuiGYpSmF
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ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम के अंतिम दिवस पर धमतरी जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने उपस्थित होकर आदिवासी समाजजनों से मेल मिलाप कर गोंडी गाथा का समापन किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गोड़वाना समाज के सभी पदाधिकारी और सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस मौके पर नगरी सिहावा, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, बालोद जिले सहित उड़ीसा राज्य के आदिवासी बड़ी संख्या उपस्थित होकर इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।