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आंबेडकर अस्पताल में महिला के परिजनों को ऐसे इंजेक्शन खरीदकर लाने कहा गया, जो भारत में मिलता ही नहीं। महिला इलाज के इंतजार में जान गंवा बैठी।

रायपुर। आंबेडकर अस्पताल में इलाज के नाम पर जमकर लापरवाही बरती जा रही है। थायरायड के इलाज के लिए भाटापारा से आई महिला के परिजनों को ऐसे इंजेक्शन खरीदकर लाने कहा गया, जो भारत में मिलता ही नहीं। परिवार वाले इंजेक्शन की खातिर भटकते रह गए और महिला इलाज के इंतजार में जान गंवा बैठी। डाक्टर ने इंटरनेट पर देखकर उन्हें जो इंजेक्शन लाने की पर्ची दी थी, वह इंजेक्शन यूएसए में मिलता है। भाटापारा में रहने वाले राजा तिवारी ने आरोप लगाया गया है कि, डाक्टरों ने इलाज के नाम पर जमकर लापरवाही बरती और परिजनों की लाख मिन्नतों के बाद भी इस बात पर अड़े रहे कि लिवोथॉरक्सिन नामक इंजेक्शन बाजार में आसानी से मिलता है और उसे लगाने पर ही महिला ठीक हो पाएगी। परिवार वाले संशय की स्थिति में थे और महिला इंजेक्शन मिलने इंतजार में जान गंवा बैठी। जानकारी के मुताबिक भाटापारा में रहने वाली 45 साल की अनिता शर्मा को 24 जनवरी को इलाज के लिए रायपुर लाया गया था। डीके अस्पताल से उसे मेकाहारा रिफर किया गया था।

बताया जाता है कि, थायरायड के कारण उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी जिसके चलते उसे मेडिसिन विभाग के आईसीयू में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। परिजनों के मुताबिक चार दिन पहले डाक्टरों ने उसे बताया कि महिला पर दवा का असर नहीं हो रहा है और इंजेक्शन की आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें 100 एमजी की दो लिवोथॉरक्सिन इंजेक्शन लाने पर्ची दी गई। परिवार वाले राजधानी के तमाम दवा एजेंसी में पर्ची लेकर भटकते रहे मगर उन्हें इंजेक्शन नहीं मिली दवा व्यापारियों ने उन्हें यहां तक बता दिया था कि इस नाम की टेबलेट जरूर मिलती इंजेक्शन इंटरनेशनल मार्केट अथवा यूएसए में उपलब्ध है। परिवार वाले डॉक्टरों को आकर दुहाई देते रहे मगर वे अपनी जिद में अड़े रहे आखिरकार महिला ने दम तोड़।

वेटिलेटर खराब होने का आरोप

परिजनों का आरोप है कि इलाज के लिए महिला को वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। रविवार को अचानक वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया। परिवार वालों की सूचना पर चिकित्सकीय स्टाफ ने मरम्मत दल को बुलाकर वेंटिलेटर सुधरवाना शुरु किया तब तक महिला की हालत काफी बिगड़ चुकी थी।

पता करवाता हूं...

आंबेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने कहा कि, इस मामले में किसी तरह की शिकायत उन तक नहीं पहुंची है। इस मामले के बारे में विभागाध्यक्ष से जानकारी लेगे अगर लापरवाही की गई है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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