अम्बिकापुर।  ग्रामीणों ने एक महीने पूर्व एक हथिनी को करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया तथा उसके अंगों को टांगी से काटकर जंगल में गड्डा खोदकर दफना दिया। इस ह्दय विदारक घटना की हवा न तो हाथियों की निगरानी करने वाले वनकर्मियों को लगी न ही ग्रामीणों को। शनिवार को किसी ग्रामीण ने वन अधिकारियों को घटना की सूचना दी तो वन अधिकारी रविवार को सक्रिय हुए तथा जंगल में अलग-अलग स्थानों पर गड्डा खोदकर हथिनी के अंगों को बरामद किया। मामले में विभाग ने तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है। जंगल की शोभा हाथियों को लेकर वन अमला एवं क्षेत्र के ग्रामीण कितने गंभीर हैं इसका खुलासा  रविवार को हुआ। हाथियों की उपस्थिति को लेकर बेहद संवेदनशील घुई जंगल में लगातार फसलों को तबाह करने से नाराज ग्रामीणों ने एक महीने पूर्व जंगल किनारे हाई वोल्टेज करंट की बाड़ लगाई। इस दौरान करंट की चपेट में आने से एक मादा हथिनी की मौत हो गई। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से टांगी एवं फावड़े से हथिनी के पैर-सुंड सहित अन्य अंगों को काटकर अलग किया तथा मुख्य मार्ग से 400 मीटर दूर जंगल में अलग-अलग 12 गड्ढे खोदकर दफना दिया।

इस बड़ी घटना की सूचना न तो वन अमले को मिली न ही किसी ग्रामीण को। शनिवार की शाम किसी ग्रामीण ने डीएफओ पंकज कमल को घटना की सूचना दी तो वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया। शनिवार को रात होने के कारण मामले में कोई कारवाई नहीं हो सकी। रविवार को सुबह 8 बजे वन अधिकारी तीन सदस्यीय चिकित्सा दल वन अमले की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे एवं जांच शुरू की। पूरे दिन वन अधिकारी ग्रामीणों से पूछताछ करने के साथ ही जंगल की जांच करते रहे। कड़ी मशक्कत के बाद रमकोला बीट के कक्ष क्रमांक पी-244 में वन विभाग द्वारा निर्मित तालाब के पास अलग-अलग गड्ढों को खोदकर हथिनी के अंगों को बरामद किया गया। इस दौरान घटना स्थल पर वाइल्ड लाइफ सीएफ के आर बढ़ई, सूरजपुर डीएफओ पंकज कमल, उपसंचालक एलिफेंट रिजर्व श्री निवास तन्तेरी, उपवन मंडलाधिकारी आशुतोष भगत सहित बड़ी संख्या में रेंजर व वनकर्मी उपस्थित थे।

एक महीने पूर्व की घटना

पशु चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. महेन्द्र पाण्डेय, एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर के डॉ. अजीत पाण्डेय व डॉ. शंभु पटेल की टीम ने मृत हथिनी के अंगों का पीएम किया। आरोपियों ने हथिनी के चारों पैर, उसके सुंड, जबड़े सहित विभिन्न अंगों को 12 टुकड़ों में काटने के बाद अलग-अलग 12 गड्ढों में दफनाया था। आरोपियों को हथिनी के अंगों को काटने एवं दफनाने में 20 घंटे से अधिक समय लगने की संभावना जताई जा रही है। मृत हथिनी का जबड़ा मिला है जबकि सिर का हिस्सा लापता है। शव के जबड़े में 10-10 दांत मिले हैं। पैर की लंबाई, गोलाई एवं दांतों के आधार पर चिकित्सक मृत हथिनी की उम्र 15 से 20 साल के बीच बता रहे हैं।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

वन अधिकारियों ने मामले में ग्राम धूरिया निवासी नरेन्द्र सिंह आ.रामशरण सिंह गोड़ (37 वर्ष) जनकू राम आ.स्व. ननकू राम (52 वर्ष) रामचन्दर आ.स्व.शिवलाल अगरिया (58 वर्ष) को गिरफ्तार किया है जबकि माधव आ.राय सिंह अगरिया (27 वर्ष) फरार बताया जा रहा है।

तीन आरोपी गिरफ्तार 

पूरे दिन की जांच-पड़ताल के बाद वन अधिकारियों ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। वन अधिकारी हथिनी को मारने एवं उसके अंगों को काटकर दफनाने के मामले में 4 ग्रामीणों के शामिल होने की बात कह रहे हैं। चौथे आरोपी के फरार होने के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। मामले में अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है।

अब तक 40 हाथियों की मौत

सूरजपुर वनमण्डल में अब तक सर्वाधिक हाथियों की मौत हुई है तथा अप्रैल 2016 के बाद अब तक विभिन्न जंगलों में 40 हाथियों की मौत हो चुकी है। हाथियों की सर्वाधिक मौतें करंट से हुई है। रविवार को हुई घटना में वन अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। डीएफओं पंकज कमल अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर देर शाम तक अन्य वन अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर मौजूद रहे।

चल रही जांच

प्रतापपुर  के उप वनमंडलाधिकारी आशुतोष भगत ने बताया कि, मुखबिर से मिली सूचना पर जंगल की जांच उपरांत 12 गड्डों में मृत हथिनी के अलग-अलग हिस्सों को बरामद किया गया है। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच चल रही है। मामले में अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी संभावना है। पीएम रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट होगी।