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हाथियों ने विकासखण्ड प्रेमनगर अंतर्गत वन विकास निगम के जंगल में परिवार सहित रह रहे पण्डों समुदाय के दो बच्चों की कुचलकर जान ले ली।

अम्बिकापुर। बीती रात हाथियों ने विकासखण्ड प्रेमनगर अंतर्गत वन विकास निगम के जंगल में परिवार सहित रह रहे पण्डों समुदाय के दो बच्चों की कुचलकर जान ले ली। सूचना पर सुबह वन अधिकारी पुलिस अमले के साथ घटनास्थल पर पहुंचे एवं शवों को पीएम के लिए भेजवाया। अधिकारियों ने मृतकों के परिजन को 25-25 हजार की तात्कालिक सहायता प्रदान की है। वन परिक्षेत्र प्रेमनगर अंतर्गत विरंची बाबा जंगल में लम्बे समय से 11 हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है।

वन अधिकारी लगातार हाथियों की निगरानी करने एवं प्रभावित क्षेत्र के गांवों में मुनादी करा ग्रामीणों को सतर्क करने का दावा कर रहे हैं। बीती रात भी वनकर्मियों ने हाथियों के भ्रमण को देखते हुए ग्राम महेशपुर सहित आसपास के गांवों में मुनादी कराई थी लेकिन हाथी पारंपरिक रूट को छोड़कर वन विकास निगम के जंगल स्थित उदयपुर बीट के चितखई पहाड़ी के वनखण्ड क्रमांक 1945 के रास्ते पास के जल स्रोत की ओर बढ़ गए। इस दौरान हाथियों के पहली बार पहाड़ी की ओर जाने की भनक वन कर्मियों को भी नहीं लग सकी। अनुमान लगाया जा रहा है रात्रि 2-2.5 बजे के मध्य हाथी पहाड़ी स्थित वन विकास निगम के जंगल स्थित आरएफ 1945 में पहुंचकर लम्बे समय से रह रहे विसू पण्डों की झोपड़ी को उजाड़ने लगे। 

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हाथियों द्वारा झोपड़ी को उजाड़ते देख पति-पत्नी अपने ढाई साल के बच्चे को लेकर किसी तरह भाग निकले जबकि 11 वर्षीय पुत्र भीखू व 5 वर्षीया बेटी काजल गहरी नींद में होने के कारण झोपड़ी में ही सोते रहे। हाथी तोड़‌फोड़ मचाने के बाद झोपड़ी में पहुंचे तो गहरी नींद में सो रहे दोनों बच्चों को उठाकर पटक दिया जिससे घटनास्थल पर ही दोनों की मौत हो गई। सुबह माता-पिता घटनास्थल पर पहुंचे तो दोनों बच्चों का शव देखकर रोने-चिल्लाने लगे तथा सूचना पर सुबह वन विकास निगम के मण्डल प्रबंधक आरआर पैकरा, उप मण्डल प्रबंधक दिवाकर पाठक, वन परिक्षेत्राधिकारी रामचंद्र प्रजापति वन एवं पुलिस अमले के साथ घटनास्थल पहुंचे।

जमीन की लालच में बनाई थी झोपड़ी 

इस दौरान बिखू पण्डो ने वन कर्मियों पर हाथी के आगमन की सूचना नहीं देने न ही हाथियों के संबंध में मुनादी कराने का आरोप लगाया। उसने यह भी बताया कि वह बस्ती स्थित अपने मूल घर को छोड़कर पिछले एक साल से पहाड़ी पर घर बनाकर रह रहा था। इधर वन अधिकारियों का कहना है कि निर्जन पहाड़ी पर पण्डो परिवार अवैध अतिक्रमण कर रहा है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी। जानकारी होने पर विभाग तत्काल अतिक्रमण हटाने की कोशिश करता। दो किमी की ऊंची चढ़ाई होने के कारण लम्बे समय से वनकर्मी पहाड़ी पर नहीं गए हैं।

लगातार बढ़ रहा अतिक्रमण

प्रेमनगर स्थित वन विकास निगम के जंगलों में ग्रामीण लगातार अतिक्रमण कर रहे हैं सड़क एवं गांवों से सटी वनभूमि पर अतिक्रमण कर ग्रामीणों ने जगह-जगह पक्के मकान व दुकान बना लिए हैं। निगम द्वारा लम्बे समय तक अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं होने के कारण ग्रामीण अभी भी जगह- जगह अतिक्रमण कर रहे हैं। विभाग बीच-बीच में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी कर रहा है इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं रूक रहा है। पहाड़ी पर अवैध अतिक्रमण एवं परिजन की लापरवाही दोनों बच्चों की मौत का कारण बनी।

सहायता राशि दी गई

वन विकास निगम के उपमंडल प्रबंधक दिवाकर पाठक ने बताया कि, परिजन को उनके मूल निवास में भेजा गया है तथा 25-25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है। पीएम रिपोर्ट मिलने के उपरांत शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।

इधर, पोटाश बम की चपेट में आने से हाथी घायल

मैनपुर। मैनपुर-उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन प्राणियों के शिकार के लिए शिकारियों द्वारा जंगल में लगाए गए पोटाश बम के चपेट में आने से एक जंगली हाथी घायल हो गया है और दल से बिछड़ गया है। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में वन विभाग एवं एक्सपर्ट की टीमों द्वारा ड्रोन कैमरा के माध्यम से हाथियों पर नजर रखे हुए हैं। इस दौरान वन्य प्राणी की हर गतिविधि की जानकारी ली जा रही है। घनघोर जंगल होने के कारण ड्रोन कैमरा से भी निगरानी करने में विभाग को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया सिकासर दाल का एक हाथी घायल हो गया है। वन विभाग की टीम लगातार घायल हाथी की तलाश में लगी है।

चाट लिया था बम

वन विभाग द्वारा देर शाम मिली जानकारी के अनुसार दल का छोटा हाथी घायल हुआ है। जिसका जबड़ा सूजा हुआ है, पैर में चोट है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि छोटा हाथी बम को चाट लिया था, जिसके कारण वह घायल हुआ है।
 

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