आकाश पवार-पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक चलती बस में अचानक आग लग गई। आग पहले बस के टायर में लगी और उसके बाद धीरे-धीरे पूरे बस में फैल गई। बस में आग लगते देख यात्रियों में चीख पुकार मच गई। ड्राइवर की सूझ-बूझ से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यात्रियों के बाहर निकलते ही पूरी बस जलकर खाक हो गई। इसकी सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। मामला गौरेला थाना क्षेत्र का है।
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक चलती बस में अचानक लगी आग... @GPM_DIST_CG #Chhattisgarh #fire @CG_Police pic.twitter.com/sxIUI3VRhE
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) February 13, 2024
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना गौरेला के बांधामुड़ा गांव के पास की है। बताया जा रहा है कि, देर रात छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से जोड़ने वाले अंतरराज्यीय मार्ग पर एक चलती बस में अचानक आग लग गई। इस बस में करीब 80 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि, बस मनीष ट्रेवल्स की है। यह बस प्रयागराज से बिलासपुर आ रही थी। मध्यप्रदेश क्रॉस करने के बाद छत्तीसगढ़ के गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही पहुंची थी तभी बस के टायर में आग लग गई। जब तक बस के चालक को बस के टायर में आग लगने का अहसास हुआ तब तक आग काफी फैल चुकी थी। इसके बाद ड्राइवर ने बस को बांधामुड़ा गांव के पास रोक दिया और बस में सवार सभी यात्रियों को बस से सुरक्षित बाहर निकाला गया। कुछ ही देर में पूरी बस में आग फैल गई।
आग पर काबू पा लिया गया
बस में आग लगने के बाद फैली अफरा -तफरी से गांव के लोग भी जाग गए। पेण्ड्रा नगर पंचायत से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। इस दौरान गांव वालों ने अपने स्तर पर बस में फैली आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग फैलती ही चली गई। कुछ देर बाद पेंड्रा से फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया लेकिन तब तक बस पूरी तरह से जलकर खाक हो चुकी थी। बताया जा रहा हैं कि, बस में आग लगने के साथ ही लगातार धमाका भी हो रहा था। बस मनीष ट्रेवल्स की बताई जा रही है।
टूरिस्ट बस पिछले 1 साल में कई बार हुए हादसों का शिकार
बताया जा रहा है कि, मध्य प्रदेश के अंतर राज्य सीमावर्ती इस इलाके से होकर छत्तीसगढ़ से अब तक करीब दो दर्जन बसें टूरिस्ट परमिट से रोजाना चलती हैं। जिनमें अधिकांश मजदूरों को भर-भर कर ले जाया जाता है। ये टूरिस्ट बसें पिछले 1 साल में कई बार हादसों का शिकार हुई हैं। इसके बावजूद इन पर नियंत्रण लगाने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।