रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई का छापा पड़ा है। इसी बीच उनके निवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं कार्यकर्ताओं ने CBI अधिकारियों के पहुंचने पर जमकर हंगामा करते हुए विरोध किया।
भूपेश बघेल के निवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा- CBI के अधिकारी बाहर से कूटरचित दस्तावेज लेकर आ रहे। साथ ही उन्होंने बैग खोलकर दस्तावेज दिखाने की मांग भी की है। CBI अधिकारियों के पहुंचने पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से भूपेश बघेल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया।
रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री के घर के बाहर CBI रेड के विरोध में कांग्रेसियों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया. @RaipurDistrict #Chhattisgarh #CGNews @INCChhattisgarh @CBIHeadquarters pic.twitter.com/emkZwJl1m0
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) March 26, 2025
राजनीति से प्रेरित है कार्रवाई - पूर्व मंत्री अमरजीत भगत
CBI रेड पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा- जब - जब भूपेश बघेल का कद बढता है। उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसी कार्रवाई करती है। यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। जब वे AICC महासचिव और पंजाब प्रभारी बने, तो उनके घर ED भेज दी गई। अब गुजरात में होने वाले अधिवेशन से पहले उन्हें ड्राफ्टिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया। तब CBI की कार्रवाई शुरू हो गई। कांग्रेस इस कार्यवाही की निंदा करती है।
आज छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी के निवास पर CBI की टीम पहुँच गई। यह कोई संयोग नहीं है। इससे पहले भी उनके घर पर ED ने कार्रवाई की थी। अब यह स्पष्ट है कि राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित होकर ये सब करवाया जा रहा है।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) March 26, 2025
विपक्षी नेताओं को परेशान करने और लोकतांत्रिक…
राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर ये सब करवाया जा रहा है : पायलट
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर CBI की दबिश मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि, आज छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर CBI की टीम पहुंच गई, यह कोई संयोग नहीं है। इससे पहले भी उनके घर पर ED ने कार्रवाई की थी। अब यह स्पष्ट है, राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर ये सब करवाया जा रहा है। विपक्षी नेताओं को परेशान करने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। केंद्रीय संस्थाओं की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, यह सिलसिला अब बंद होना चाहिए।