अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ का राजनांदगांव जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग महिला सुरक्षा को लेकर कितना प्रतिबद्ध है, इसका अंदाजा शहर के स्टेशनपारा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की स्थिति से लगाया जा सकता है। जहां बालिका शौचालय का दरवाजा तक टूट गया है। बालक शौचालय जाम पड़ा हुआ है, जिसके कारण वहां ताला लगा हुआ है ऐसे में बालक और बालिकाएं एक ही शौचालय में शौच करने के लिए मजबूर है।

जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। भवन के कुछ कमरों की स्थिति पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। कई सालों से मरम्मत नहीं होने के चलते पूरी तरह बदहाल हो चूका है। वहीं अब इसे डिस्मेंटल करने की नौबत आ गई है।
भवन हो चुका है पूरी तरह से जर्जर
शिक्षकों ने बताया कि, कई बार विभाग से भवन को डिस्मेंटल कर नए भवन की मांग की गई है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल में 4 कमरे छोड़कर सभी कमरे जर्जर हो चुके हैं, जिसमें से एक को स्टाफ रूम बनाया गया है और बाकी बचे 3 कमरों में 8 कक्षाओं की पढ़ाई करवाई जाती है। एक रूम में 2 कक्षा के बच्चों को बैठाकर पढ़ाई करवाई जाती है। इन कमरों की दीवारों में भी सीलन आ चुकी है। साथ ही स्कूल स्टाफ को भी भवन जर्जर होने से असुविधा हो रही है। इसके अलावा जर्जर भवन के गिरने का खतरा बना रहता है।

प्याऊ के पास पसरी हुई है गन्दगी
स्कूल में चारों तरफ अव्यवस्था का आलम है, वहीं बच्चे जहां पर पानी पीते हैं वहां भी गंदगी पसरी हुई है। प्याऊ के पास गन्दगी देखकर ऐसा लग रहा है, मानो सालों से इसकी सफाई नहीं की गई है। इतनी गन्दगी में भी पानी पीने के बच्चे मजबूर हैं, जिसकी वजह से बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर लगाया गया है लेकिन वह सालों से खराब पड़ा है।

गंदगी के बीच होता है किचन का संचालन
स्कूल के जर्जर कमरे में मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए किचन बनाया गया है, जहां हर तरह जूठन कचरे, गन्दी प्लेट एवं गंदगी का अंबार लगा रहता है। जिससे गंदी बदबू आ रही थी। ऐसी जगह में बच्चों का खाना पकाया जा रहा है। ऐसे अभाव में बच्चे भी गंदगी के बीच मध्याह्न भोजन करने को मजबूर है। बच्चे अक्सर बीमार होने के कारण नियमित रूप से स्कूल भी नहीं आ पाते। इस स्कूल में अव्यवस्था और बदहाली अपने चरम पर है।