रायपुर। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में बजट सत्र चालू है, इसी दौरान सदन में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन योजना का मुद्दा उठाया गया। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला के प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, केन्द्र सरकार से नही बल्कि पीएफआरडीए से कुल राशि रूपये 19136.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।
वित्तमंत्री श्री चौधरी ने आगे कहा कि, ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित और जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है। वर्तमान में एनपीएस विकल्प का चयन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है।
एनपीएस के रूप में कटेगा वेतन
उन्होंने आगे कहा कि, ओपीएस के विकल्प लेने वाले कर्मचारियों के पूर्व में एनपीएस अंशदान के रूप में वेतन से कटौती की जाकर एनएसडीएल में जमा की गई राशि में से शासकीय अंशदान एवं उस पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय सेवक के मृत्यु या सेवानिवृत्त होने पर उनके एनपीएस खाते के अंतिम भुगतान से शासकीय कोष में जमा की जावेगी। I
कांग्रेस पर लगाया आरोप
एक प्रश्न के जवाब में मंत्री चौधरी ने बताया कि फिलहाल राज्य में पुरानी पेंशन योजना ही लागू रहेगी। इमसें बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। वित्तमंत्री श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि, ओपीएस लागू करने के पीछे तत्कालीन सरकार की मंशा 19 हजार करोड़ रुपये को हासिल करना था, जो पीएफआरडीए में जमा है। तत्कालीन सरकार की गिद्ध जैसी नजर उस पैसे पर थी। लेकिन यह राशि राज्य सरकार को नहीं मिलेगी बल्कि जैसे- जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे वैसे-वैसे राशि उन्हें प्राप्त होती जाएगी।