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अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ की देखरेख नहीं होने की वजह से मैदान में मिट्टी की परत जम गई है, टर्फ भी कई जगह फट चुके है। 

राजनांदगांव। देशभर में संस्कारधानी राजनांदगांव को पहचान दिलाने वाली महंत राजा सर्वेश्वर दास अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन इस साल संकट में पड़ गया है। 22 करोड़ की लागत से बने अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ की देखरेख नहीं होने की वजह से मैदान में मिट्टी की परत जम गई है, टर्फ भी कई जगह फट चुके है। यहीं कारण है कि इस बार आयोजन समिति ने टर्फ की बजाए घास के मैदान में प्रतियोगिता का आयोजन करने के संकेत दिए है।

पिछले आठ दशक से शहर में खेली जाने वाली महंत राजा सर्वेश्वर दास अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है। जिसमें देशभर की टीमें शामिल होंगी। इन टीमों में कई नामचीन और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी आएंगे, परंतु यदि मैदान में परिवर्तन नहीं किया गया तो इन नामचीन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के खराब मैदान में खेलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। करीब एक दशक पहले बने एस्ट्रोटर्फ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि मैदान में लगा एस्ट्रोटर्फ कई जगहों से फट गया है। पूरे मैदान में टर्फ की हालत खराब हो चुकी है। करीब साल भर पहले इसकी सफाई कराई गई थी, लेकिन फिर भी उसमें से मिट्टी पूरी तरह से नहीं निकाली जा सकी है। इस साल मैदान की हालत और अधिक खराब हो चुकी है।

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नहीं लग पाई कुर्सियां

हॉकी की नर्सरी के रूप में पहचाने जाने वाले राजनांदगांव में प्रदेश का पहला एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम एक दशक पहले बनकर तैयार हुआ था। उस दौरान करीब 22 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई थी। हालांकि स्टेडियम अब भी अधूरा पड़ा हुआ है। स्टेडियम में दो तरफ दर्शकों के बैठक की व्यवस्था बनाई गई है। इसमें एक तरफ तो कुर्सियां लगा दी गई थी, लेकिन दूसरी ओर अब तक कुर्सियां नहीं लग पाई है। ऐसे में प्रतियोगिता के दौरान मैच देखने के लिए आने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

टर्फ में पांच करोड़ हुए थे खर्च

लंबे समय से की गई मांग के बाद ही तत्कालीन सरकार ने राजनांदगांव में एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम की सौगात दी थी। 22 करोड़ रुपए की लागत वाले इस स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ लगाने के लिए पांच करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई थी। टर्फ तो लगा दिया गया, लेकिन उसे दुरुस्त रखने की व्यवस्था नहीं की गई, इसी का खामियाजा है कि आज टर्फ इतना खराब हो चुका है। अब टर्फ बदलने में भी करोड़ों रुपए की राशि खर्च होगी।

दम तोड़ रहा टर्फ

शहर में खेली जाने वाली महंत राजा सर्वेश्वर दास अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता देशभर में प्रख्यात है। यह प्रतियोगिता पिछले करीब एक दशक से गौरवपथ स्थित एस्ट्रोटर्फ मैदान में ही खेली जा रही है. लेकिन अब टर्फ दम तोड़ने लगा है। लगातार मॉनिटरिंग के साथ सफाई नहीं होने के कारण अब पूरा मैदान ही खराब हो चुका है। हालांकि प्रशासन हर बार अखिल भारतीय प्रतियोगिता से पहले जागता है और सफाई की व्यवस्था कराता है, लेकिन सालभर सफाई की व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है।

सफाई करने दिल्ली से आई थी टीम

जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में लगे एस्ट्रोटर्फ की सफाई करने के लिए पिछले डेढ़ साल पहले सितंबर- अक्टूबर महीने में दिल्ली से टीम आई थी। करीब एक पखवाड़े तक चले इस सफाई अभियान के दौरान पूरे मैदान की मशीन के जरिये सफाई की गई थी। उस समय बड़ी मात्रा में मिट्टी मैदान से निकाली गई थी। हालांकि उस दौरान सफाई करने आए कर्मचारियों ने भी यह माना था कि टर्फ की हालत खराब हो चुकी है। हर तीन महीने में सफाई करनी होती है, लेकिन तय अंतराल में सफाई नहीं होने से टर्फ बदलने योग्य हो गया है।

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