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जशपुर के चीर बगीचा निवासी शहजाद आलम, जो 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं और दोनों पैरों से चलने में असमर्थ हैं। समाज कल्याण विभाग से एक ट्राई सायकल की सहायता के लिए पिछले 7 महीनों से गुहार लगा रहे हैं। 

खुर्शीद कुरैशी- जशपुर। आशक्तों को सशक्त करने शासन ने कई योजनाएं बनाई हैं। मगर मुख्यमंत्री के गृह जिले में हाल कुछ इस तरह है। जशपुर के चीर बगीचा निवासी शहजाद आलम, जो 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं और दोनों पैरों से चलने में असमर्थ हैं। समाज कल्याण विभाग से एक ट्राई सायकल की सहायता के लिए पार्षद समेत कई जन प्रतिनिधियों से पिछले 7 महीनों से गुहार लगा रहे हैं। 

शहजाद और उनकी पत्नी जो खुद 50 प्रतिशत दिव्यांग हैं। दोनों ने एक छोटी चाय की दुकान खोल रखी है जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी होती हैं। उनके पास कोई स्थायी साधन न होने के कारण उन्हें रोज़मर्रा की सामग्री लाने में भी कठिनाई होती है। शहजाद ने समाज कल्याण विभाग से इस संदर्भ में कई बार संपर्क किया, लेकिन विभाग की ओर से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिल पाया। 

ट्राईसायकल के बिना जीवन कठिन 

मिली जानकारी के अनुसार शहजाद को ई-रिक्शा दिया गया था। लेकिन वह तीन दिन बाद ही खराब हो गया और अभी तक उसकी मरम्मत नहीं हुई है। विभाग के अधिकारी धनंजय सिन्हा के अनुसार, अभी स्टॉक में नया ट्राईसायकल उपलब्ध नहीं है। खराब होने की सूचना मिली है, रिपेरिंग के लिए बाहर से मैकेनिक आएंगे तो उसे रिपेयर करा दिया जाएगा। शहजाद का कहना है कि बिना वाहन के उनका दैनिक जीवन बहुत कठिन हो गया है और वे मजबूरी में किराए के ऑटो का सहारा ले रहे हैं।

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