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कोरबा जिला का जंगल पहले ही अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। कटघोरा वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत के निर्देश पर यह टीम ने 40 गिद्धों के दल को खोज निकाला है। 

नागेंद्र श्रीवास -कोरबा। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला का जंगल पहले ही अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। कटघोरा वन मंडल घने वनों से आच्छादित है, जहां पहले ही जंगल में विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों का व विलुप्त प्रजाति के वन्य प्राणियों  का बसेरा है। 

जंगल बेहतर होने की वजह से यहां वन प्राणियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और यही वजह है कि, जैव विविधता यहां बनी हुई है। अब कटघोरा वन मंडल के जड़गा रेंज में विलुप्त प्रजाति के गिद्धों की लंबी उड़ान भरते होने प्रेमियों ने अपने कमरे में कैद किया है। बिलासपुर अचानकमार टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम कटघोरा वन मंडल पहुंची थी। 

अधिकारियों ने 40 गिद्धों का दल खोज निकाला 

पहाड़ पर बैठा गिद्धों का दल
पहाड़ पर बैठा गिद्धों का दल

कटघोरा वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत के निर्देश पर यह टीम ने 40 गिद्धों के दल को खोज निकाला है। विलुप्त प्रजाति के ये गिद्ध पिछले कई दशक से इस इलाके में अपना बसेरा बनाकर रखे हुए हैं। लगातार इनका कुनबा भी बढ़ते जा रहा है। अब वन विभाग की टीम उनके कुनबे को और बढ़ाने की दिशा पर प्रयास करेगा ताकि विलुप्त हो रहे इस प्रजाति को बचाया जा सके। 

फोटो क्लिक करती विशेष विशेषज्ञों की टीम
फोटो क्लिक करती विशेष विशेषज्ञों की टीम

हाथियों को भी राज आ रहा यह जंगल 

वहीं दूसरी और कटघोरा वन मंडल में हाथियों का भी कुनबा लगातार बढ़ रहा है। पिछले कई वर्षों से हाथी अब इसी जंगल में होकर रह गए हैं। बताया जाता है कि, जंगल में बेहतर आवास मिलने की वजह से हाथियों को भी यह जंगल रास आ रहा है।

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