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कटघोरा वनमंडल के चैतमा रेंज के राहा बीट के अंतर्गत आने वाले कक्ष क्रमांक 25 में एक तेंदुए को मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देखा और इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी गई।

कोरबा। दो दिन पहले ही तेंदुए ने तीन बकरियों को अपना निशाना बनाया था जिसके बाद दूसरे दिन तेंदुए को शिकारी ने अपना शिकार बना लिया है और उसके अंगों को काटकर ले भागे हैं। जैसे ही इसकी भनक वन विभाग के अफसर को लगी  बिलासपुर से सीसीएफ सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले में छानबीन की जा रही है। प्रारंभिक जांच के दौरान स्थानीय लोगों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है वन विभाग की टीम जल्द ही इस कृत्य को अंजाम देने वाले लोगों धरपकड़ करने की बात कह रहा है।  उल्लेखनीय है कि,  कटघोरा वनमंडल के चैतमा रेंज के राहा बीट के अंतर्गत आने वाले कक्ष क्रमांक 25 में एक तेंदुए को मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देखा और इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी गई।

तेंदुए की मौत होने की खबर वन विभाग के अफसर को मिलते ही बिलासपुर सीसीएफ प्रभात मिश्रा, कटघोरा वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत सहित आला अधिकारी दौड़े दौड़े मौके पर पहुंचे जहां वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचे और शव का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि तेंदुआ का शिकार किया गया है और उसके महत्वपूर्ण अंगों को काटकर तस्कर ले भागे हैं। सूत्र बताते हैं कि,  तस्करों ने तेंदुए के दांत, नाखून सहित अन्य अंगों को काट लिया है। वन विभाग की टीम मामले में वैधानिक कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है लेकिन जिस तरह से तस्करों ने तेंदुए को अपना निशाना बनाया है इससे स्थानीय लोगों के हाथ होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि एक दिन पहले ही चैतमा रेंज में ही तेंदुए ने एक किसान के तीन बकरियों को अपना शिकार बनाया था। अब तेंदुए का शिकार किए जाने का मामला सामने आने के बाद वन विभाग की टीम मामले की छानबीन में जुटी हुई है।

वन विभाग ने नहीं दिखाई सक्रियता

जब 2 दिन पहले ही चैतमा रेंज में तेंदुए की दस्तक हो गई थी और एक किसान के तीन बकरियों को उसने अपना निशाना बनाया था इसके बाद भी चैतमा रेंजर दिनेश कुर्रे द्वारा हमले के बाद भी सक्रियता नहीं दिखाई गई। तेंदुआ की आहट हुई है तो उसकी किस तरह से देखरेख करनी चाहिए और ग्रामीणों को सावधान करना चाहिए यदि वन विभाग ने सक्रियता दिखाई होती तो आज इस बेजुबान तेंदुए की जान नहीं जाती और उसकी जान बचाई जा सकती थी। वन विभाग के स्थानीय अफसर चुपचाप बैठे रहे और यही वजह है कि तस्कर सक्रिय हो गए और उसे अपना निशाना बनाते हुए तेंदुए का शिकार कर लिया और उसके महत्वपूर्ण अंगों को काटकर तस्करी के लिए ले भागे। वन विभाग के वरिष्ठ अफसर को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में जो भी दोषी अफसर हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

भालू के हमले से वनरक्षक की मां की मौत

रायगढ़। जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई वनरक्षक की मां पर भालू ने अचानक हमला करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। गांव के ग्रामीणों के अनुसार बताया जा रहा है कि महिला इंदरमति अगरिया सामहरसिंघा बीट में पदस्थ श्याम अगरिया फारेस्टगार्ड की मां है जो कि छाल में रहती थी। बुधवार सुबह वह बोजिया के जंगल में तेंदुपत्ता तोड़ने गई थी इस दरम्यान भालू ने हमला कर दिया। 

जानकारी के अनुसार, रायगढ़ जिले छाल रेंज के बोजिया 15 मई को 505 पीएफ जंगल में तेंदूपत्ता तोड रही महिला  इंदरमति पति होरीलाल अगरिया पर जंगल विवरण कर रहे एक भालू ने अचानक हमला  कर दिया। जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला बुधवार की सुबह अपने साथियों के साथ जंगल गई थी। इस बीच जंगल में भालू से सामना हो जाने के बाद यह घटना घटित हो गई। भालू के हमले से महिला की मौत की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर वन विभाग की टीम के अलावा छाल पुलिस मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। गौरतलब है कि छाल समेत पूरे धरमजयगढ वन मंडल में हाथियों का आतंकी चरम पर है। अतिकायों से भयभीत ग्रामीणों अब भालू के हमले के बाद पहले से ज्यादा खौफजदा हो गये हैं। वहीं वन अमले की भी चिंता बढ़ गई है।

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